मेडिकल कॉलेज पांच साल से चालू होने के बाद भी मॉड्यूलर ब्लड बैंक यूनिट चालू नहीं नहीं हो सकी,, फाइनल फिनिशिंग और लाइसेंस तक की पूरी नहीं हो सकी प्रक्रिया, मेडिकल कॉलेज में पांच साल बाद भी मॉड्यूलर ब्लड बैंक चालू नहीं हो सका। कॉलेज अस्पताल में आर्थोपेडिक, नेत्र रोग, गायनिक सर्जरी, आंख-कान, नॉक समेत अन्य विभाग की मॉड्यूलर ओटी में ब्लड की व्यवस्था बैसाखी पर है। कॉलेज के पैथालॉजी विभाग में अभी तक ब्लड बैंक और लैब तक चालू नहीं हो सकी।
बैसाखी पर अस्पताल की मॉड्यूलर ओटी मेडिकल कॉलेज में पांच साल बाद भी मॉड्यूलर ब्लड बैंक चालू नहीं हो सका। कॉलेज अस्पताल में आर्थोपेडिक, नेत्र रोग, गायनिक सर्जरी, आंख-कान, नॉक समेत अन्य विभाग की मॉड्यूलर ओटी में ब्लड की व्यवस्था बैसाखी पर है। कॉलेज के पैथालॉजी विभाग में अभी तक ब्लड बैंक और लैब तक चालू नहीं हो सकी। इस कॉलेज साथ खुले प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों के पैथालॉजी विभाग में करीब मॉड्यूलर लैब चालू हो गई है। कॉलेज में माइक्रो बॉयोलॉजी लैब है। लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज की मॉड्यूलर ओटी जिला अस्पताल के नैदानिक जांच केंद्र और ब्लड बैंक के भरोसे चल ही है।
विभाग का मॉड्यूलर ब्लड बैंक निर्माणाधीन मेडिकल कालेज अस्पताल के पैथालॉजी विभाग के दो डॉक्टर, तकनीशियन समेत अन्य कर्मचारी जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में समझौता के तहत संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं। पैथालॉजी विभाग के एचओडी का कहना है कि विभाग का मॉड्यूलर ब्लड बैंक निर्माणाधीन है। शासन स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग हो रही है। वर्तमान सयम में जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से काम चल रहा है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में करीब डेढ़ साल पहले ब्लड कंपोनेंट किया जा रहा है। इससे मरीजों को सुविधाएं मिल रहीं है। शासन स्तर पर ब्लड बैंक तैयार होने के बाद कॉलेज को हैंडओवर किया जाएगा।
एक साल में तैयार नहीं हो सका मॉड्यूलर ब्लड बैंक मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में एक साल से मॉड्यूलर ब्लड बैंक निर्माणाधीन है। आठ से ब्लड बैंक की मशीनरी आकर रखी हुई है। मशीनों का इंस्टॉलेशन करना तो दूर अभी तक मशीनें कार्टून में पैक्ड रखी हैं। नए ब्लड बैंक में खून का कंपोनेंट किया जाएगा। ब्लड सेपरेशन, प्लाज्मा समेत अन्य सभी आधुनिक सुविधाएं रहेंगी। खून की जांच के साथ ही रक्तदान के सभी इंतजाम किए जाएंगे। लैब व कोल्ड स्टोरेज भी तैयार किया जा रहा है। जिला अस्पताल के पुराने भवन में मेडिकल कॉलेज का ब्लड बैंक लैब तैयार किया जा रहा है। अभी तक सिविल का कार्य पूर्ण हुआ है। इलेक्ट्रिक व अन्य फर्नीचर के कार्य अधूरे हैं। जनवरी-2025 में भी ब्लड बैंक चालू नहीं हो सका
ब्लड बैंक मशीनों का इंस्टालेशन तक नहीं, लाइसेंस की प्रकिया अटकी मेडिकल कॉलेज वर्ष 2018 में चालू हुआ। जनवरी 2021 में ही ब्लड बैंक चालू किया जाना था। मशीनें आकर मेडिकल कॉलेज के बी-ब्लॉक के ग्राउंड फ्लोर पर गैलरी में रखी हैं। निर्माणाधीन ब्लड बैंक में सिविल वर्क पूरा होने का दावा है। मेडिकल कॉलेज कार्य पूर्ण करने दो बार पत्र भेज चुका है। बाहर की कंस्ट्रक्शन कंपनी कार्य कर रही है। इसमें केरल, दिल्ली और गुजरात के तकनीशियन ब्लड बैंक को तैयार कर रहे हैं। ब्लड बैंक आधुनिक रूप से तैयार की जा रही है। संभवना है कि मशीनों के इंस्टालेशन का कार्य जनवरी के अंतिम या फरवरी माह में करने की तैयारी है। इधर, जब तक ब्लड बैंक बनकर तैयार नहीं हो जाएगा। तक तक लाइसेंस की प्रक्रिया भी पूरी नहीं होगी।
वर्जन ब्लड बैंक में सिविल कार्य पूर्ण हो गया है। निर्माण करने वाली संस्था को पत्र भेजा गया है। संभावना है कि फरवरी में कंप्लीट हो जाएगी। फिनिशिंग का कार्य चल रही है। निर्माण करने वाली संस्था के कर्मचारियों ने सूचना दी है कि मशीनों के इंस्टालेशन का कार्य भी जल्द होगा।
डॉ सुनील बाजोलिया, सहायक अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल