– यह केस कर रहे पुष्टि
– केस-1
मकरोनिया के गौर में रहने वाले योगेंद्र अग्रवाल ने बताया कि उनका दो किलोवाट का घरेलू बिजली कनेक्शन है। जनवरी से लेकर जून तक छह माह की कुल खपत 872 यूनिट है, लेकिन कंपनी ने अकेले जुलाई माह का जो बिल जारी किया है उसमें एक माह की खपत 2769 यूनिट बताते हुए 25822 रुपए का बिल दिया है। अब कंपनी के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई जांच करने ही नहीं आया।
– केस-2
तिली क्षेत्र में रहने वाले राघवेंद्र सिंह के साथ भी पिछले महीने ऐसा ही हुआ था। दो कमरों के मकान में दिसंबर से लेकर मई तक छह माह में जहां 882 यूनिट बिजली की खपत हुई थी। कंपनी ने जो जून का बिल जारी किया उसमें एक माह की खपत 2602 यूनिट थी और बिल की राशि 24761 रुपए। शिकायत की, लेकिन जब समाधान नहीं हुआ तो बिजली कनेक्शन कटने के डर से पूरा बिल जमा करना पड़ा।
– यह भी कुछ मामले
मकरोनिया के वृंदावन वार्ड निवासी श्याम मनोहर बोहरे के नाम से घरेलू बिजली कनेक्शन है। पिछले माह घर बंद था तो रीडिंग शून्य आई, इस हिसाब से अधिकतम बिल 100 रुपए आना था, लेकिन बिजली कंपनी ने 71 रुपए फिक्स चार्ज और 1120 रुपए एडिश्नल एसडी इंस्टॉलमेट जोड़कर 1191 रुपए का बिल जारी कर दिया।
– सीसीबी एडजस्टमेंट लिया
डॉ. मनीष ने बताया कि उनके घरेलू मीटर की रीडिंग 140 यूनिट आई। चूंकि शासन 150 यूनिट से कम खपत पर सब्सिडी देती है तो उनका बिजली बिल 350 रुपए से भी कम आना था, लेकिन कंपनी ने 727 रुपए एडिश्नल एसडी इंस्टॉलमेंट जोड़कर 1074 रुपए का बिल थमा दिया। इसके पहले 145 यूनिट खपत पर 1277 रुपए सीसीबी एडजस्टमेंट के नाम पर जोड़कर 1641 रुपए का बिल जारी किया था।
– गलती है तो सुधार होगा
मीटर जंप हुआ है या नहीं यह जांच का विषय है, मैं संबंधित बिल और मीटर की जांच करा लेता हूं, यदि खामी पाई गई तो बिल में सुधार किया जाएगा। अजीत चौहान, कार्यपालन अभियंता, शहर बिजली कंपनी भले ही नए-नए प्रयोग कर तकनीक रूप से मजबूत होने का दावा कर रही है, लेकिन शहर में लगे बिजली मीटर इनकी कमजोर तकनीक की पोल खोल रहे हैं। इनमें नई समस्या जंप की आ रही है। मीटर जंप होने से आम घरेलू उपभोक्ताओं को 20 से 25 गुना ज्यादा खपत के बिल थमाए जा रहे हैं, जिसने लोगों की धड़कने बढ़ा दी हैं। यह पहली बार नहीं है जब मीटर जंप की शिकायत आई हो। शहर में हर माह इस समस्या से परेशान लोग बिजली कंपनी के चक्कर काटते मिले हैं। ताजा मामला शहर संभाग में आने वाले मकरोनिया का है, जहां एक उपभोक्ता को 2669 यूनिट खपत का बिजली बिल थमा दिया गया है, जबकि उपभोक्ता का बिजली बिल खुद यह बयां कर रहा है कि उसने जनवरी से लेकर जून तक छह माह में कुल 872 यूनिट बिजली जलाई है। ऐसे में एक माह में खपत बढ़कर 2669 यूनिट कैसे हो सकती है ?