रोज जुट रहे असामाजिक तत्व, यात्रियों को करते हैं परेशान रेलवे स्टेशन पर असामाजिक तत्वों का डेरा किसी से छुपा नहीं है। वैसे तो यहां असामाजिक तत्वों की चौबीसों घंटे मौजूदगी रहती है, लेकिन शाम से सुबह के दौरान यात्री असामाजिक तत्वों की मनमानी से सबसे अधिक परेशान होते हैं। असामाजिक तत्व रात के दौरान नशे की हालत में यात्रियों से किसी न किसी बहाने से बातचीत का प्रयास करते हैं। यात्री असहज महसूस करते हैं। वहीं विरोध करने पर अपशब्द बोलने के साथ मारपीट करने पर आमादा हो जाते हैं।
लोग बोले.. रेलवे प्रबंधन को सुरक्षा से नहीं मतलब पत्रिका ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में यात्रियों से बातचीत की। सुरक्षा को लेकर यात्री नाराज दिखे। परिवार के साथ ट्रेन से भोपाल जा रहे राजेश अहिरवार ने बताया कि मैं जब भी स्टेशन आता हूं, तो सुरक्षा कर्मी नजर नहीं आते। लेकिन नशे में धुत शराबी जरूर दिख जाते हैं। हमें सुरक्षा की चिंता होती है। वहीं एक अन्य महिला यात्री बताती हैं कि यहां सुरक्षा कमजोर है। महिलाएं अकेले सफर नहीं कर सकतीं। क्या पता कब क्या हो जाए। रेलवे प्रबंधन को सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है।
पत्रिका ने कई बार उठाया असुरक्षा का मुद्दा दमोह रेलवे स्टेशन पर मारपीट, चाकूबाजी, छेडख़ानी, चोरी, जेबकतरी के मामले सामने आते रहे हैं। जिससे स्टेशन पर लगातार असुरक्षा की स्थिति बनी हुई है। पत्रिका ने स्टेशन परिसर में असुरक्षा का मुद्दा अखबार में कई बार खबरें प्रकाशित करके उठाया, लेकिन अफसरों ने इस ओर आज तक ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि स्टेशन पर बेखौफ होकर गुंडे बदमाश घूम रहे हैं। जो आए दिन आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं।
सुरक्षा के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं रेलवे स्टेशन काफी बड़ा है और यहां प्रतिदिन हजारों यात्रियों का आना.जाना लगा रहता है, लेकिन इस हिसाब से यहां सुरक्षा कर्मी उपलब्ध नहीं है। यहां स्थित सहायता केंद्र में दो आरक्षक और एक प्रधान आरक्षक तैनात हैं, लेकिन दो पुलिस कर्मियों की ज्यादातर ड्यूटी आए दिन होने वालीं मौतों या घायलों को लेकर कार्रवाई करने में निकल जाती है। ऐसे में एक पुलिस कर्मी की चौबीसों घंटे रेलवे स्टेशन पर तैनाती मुश्किल है। लिहाजा अक्सर यहां पुलिस कर्मी उपलब्ध नहीं होते।
स्टेशन पर कब-कब लगी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध केस 1- अप्रेल 2023 में अज्ञात लोगों ने रेलवे स्टेशन से एक यात्री को अगवा कर एकांत में ले जाकर चाकू अड़ाकर उससे रुपए लूटे थे।
केस 2- मार्च 2024 में राज्यरानी एक्स्प्रेस ट्रेन में दो पक्षों में विवाद हो गया। जो मारपीट तक जा पहुंचा। इस दौरान सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था। केस 3- अप्रेल 2024 में स्टेशन परिसर में कुछ लोग आपस में भिड़ गए। पास में ही जीआरपी चौकी है, लेकिन मामला शांत कराने कोई नहीं पहुंचा था।
केस 4- मई 2024 में स्टेशन में बदमाश एक महिला से छेड़छाड़ कर रहे थे। जब एक युवक महिला को1 बचाने पहुंचाए तो बदमाशों ने उसके पेट में चाकू घोंप दिया। केस 5- बीते शनिवार को एक तांत्रिक ने ढाई माह के मासूम व दंपती को थप्पड़ मारे। आरोप है इस वजह से मासूम की मौत हो गई।