scriptगुजरात में इस साल बढ़े तेज बुखार के मरीज, आठ माह में 39 हजार रोगी | Patrika News
समाचार

गुजरात में इस साल बढ़े तेज बुखार के मरीज, आठ माह में 39 हजार रोगी

गुजरात में इस साल तेज बुखार के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इस जनवरी से लेकर अगस्त तक के आठ महीने में तेज बुखार के करीब 39 हजार मामले सामने आए। ये सभी मामले ऐसे हैं, जिनमें मरीज की तेज बुखार के कारण तबीयत ज्यादा खराब हो गई, उन्हें अस्पतालों में तत्काल ले जाने की जरूरत महसूस हुई।

अहमदाबादSep 19, 2024 / 11:08 pm

Omprakash Sharma

File Photo

गुजरात में इस साल तेज बुखार के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इस जनवरी से लेकर अगस्त तक के आठ महीने में तेज बुखार के करीब 39 हजार मामले सामने आए। ये सभी मामले ऐसे हैं, जिनमें मरीज की तेज बुखार के कारण तबीयत ज्यादा खराब हो गई, उन्हें अस्पतालों में तत्काल ले जाने की जरूरत महसूस हुई। इसके लिए लोगों ने इमरजेंसी 108 एम्बुलेंस सेवा की मदद ली।

अहमदाबाद जिले में 10 हजार मरीज

राज्यभर में पिछले आठ माह (जनवरी से अगस्त) में 108 एंबुलेंस को तेज बुखार के 38808 कॉलेज मिले। इसमें सबसे अधिक 9995 (करीब दस हजार) मामले अकेले अहमदाबाद जिले के हैं। पिछले वर्ष अहमदाबाद में इस प्रकार के 7907 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया था। राज्य के अन्य प्रमुख शहरों की बात करें तो सूरत में इस अवधि के दौरान 4957 लोगों को तेज बुखार के चलते इमरजेंसी होने से अस्पतालों तक पहुंचाया गया। पिछले वर्ष सूरत शहर में इस अवधि के दौरान इस तरह के 4556 मामले दर्ज हुए थे। राजकोट में इस वर्ष 1665 और पिछले वर्ष 1412, वडोदरा में इस वर्ष 1543 तो पिछले वर्ष 1272 लोगों को तेज बुखार के चलते इमरजेंसी हुई थी। हालांकि जामनगर में इस तरह के मरीजों की संख्या में पिछले वर्ष (1061) की तुलना में इस वर्ष कमी आई है। इस वर्ष के आठ माह में जामनगर जिले में तेज बुखार के 978 मामले दर्ज हुए हैं। गांधीनगर, जूनागढ़ एवं भावनगर समेत अधिकांश जिलों में भी तेज बुखार के मामलों में वृद्धि हुई है।
चिकित्सकों का कहना है कि इस वर्ष मौसमी, मच्छरजनित बीमारियों के बढ़ने के कारण भी ऐसे मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है।

वायरल, डेंगू, टाइफाइड के चलते भी तेज बुखार

वायरल, डेंगू, टाइफाइड, चिकुनगुनिया और मलेरिया जैसे रोगों के कारण भी तेज बुखार आ सकता है। किसी भी तरह का बुखार आने पर मरीज को अपने चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए न कि खुद डाक्टर बनकर दवाई देना शुरू करें। टेस्ट कराने पर पता चल जाता है कि किस तरह का बुखार है। कभी-कभी तेज बुखार के कारण मरीज की हालत काफी गंभीर भी हो जाती है। ऐसे में चिकित्सक की सलाह जरूर लें। तेज बुखार होने पर माथे पर पानी की पट्टी रखने पर बुखार कम हो सकता है।
डॉ. प्रवीण गर्ग, वरिष्ठ फिजिशियन, अहमदाबाद

Hindi News/ News Bulletin / गुजरात में इस साल बढ़े तेज बुखार के मरीज, आठ माह में 39 हजार रोगी

ट्रेंडिंग वीडियो