गुजरात के पहाड़ी, समुद्र तटवर्ती व कच्छ के रण समेत दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा देने के लिए राज्य में 128 मोबाइल हेल्थ यूनिट कार्यरत हैं, इनमें से सबसे अधिक 14 कच्छ जिले में हैं। पिछले एक वर्ष में इन हेल्थ यूनिटों की बदौलत 23.60 लाख लोगों को ओपीडी सेवाएं मिली हैं। 4.90 लाख लोगों को लैबोरेटरी सेवाएं भी उपलब्ध कराई गईं हैं।राज्य की 128 मोबाइल हेल्थ यूनिटों में 45 मोबाइल हेल्थ यूनिट (एमएचयू), 30 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) तथा 53 अन्य मोबाइल मेडिकल हेल्थ यूनिट ( एएसवी एमएयू) हैं। वलसाड जिले में 11 और बनासकांठा में नौ मोबाइल हेल्थ कार्यरत हैं। पिछले एक वर्ष में ये यूनिट 38099 रूटों पर कार्यरत रहीं। मोबाइल हेल्थ यूनिट के 15983 रूटों से सबसे अधिक 12.44 लाख लोगों को ओपीडी सेवा मिली हैं। मोबाइल हेल्थ यूनिट के 13000 से अधिक रूटों की बदौलत 3.90 लाख से अधिक लोगों तथा मोबाइल मेडिकल यूनिट के 9019 रूट से 7.25 लाख लोगों को उपचार मिला है।मोबाइल हेल्थ यूनिट के चिकित्सा कर्मी छोटे बच्चों के उपचार व रोग नियंत्रण के साथ मार्गदर्शन भी देते हैं। तम्बाकू संबंधित रोग तथा एचआईवी रोगों के बारे में भी जागरुक किया जा रहा है। एक वर्ष में 11 हजार से अधिक महिलाओं को पूर्व प्रसूति मार्गदर्शन दिया गया है। लैब जांच की बात की जाए तो एक वर्ष में 3.31 लाख लोगों के रक्त तथा 1.26 लाख लोगों के मूत्र की जांच की गई। 33 हजार लोगों की मलेरिया पेरासाइट्स की जांच की गई है।
मोबाइल हेल्थ की एक यूनिट से 30 से 40 किलोमीटर के दायरे में लगभग 20 से लेकर 35 हजार तक की आबादी को सेवा देती है। जीपीएस वाले वाहनों की स्टेट लेबल से मॉनिटरिंग भी की जाती है। इनमें चिकित्सक, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट व चालक होता है।