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असली की आड़ में फलफूल रहा नकली ब्रांड का कारोबार, ग्राहकों को लगा रहे चूना

बढ़ते इंटरनेट के उपयोग के साथ फर्जीवाड़ा भी बढ़ रहा है। साइबर ठगी के मामले तो आए दिन सामने आ रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग के कारोबार में भी बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। इसका सबसे ज्यादा दुरुपयोग सोशल साइड के माध्यम से ब्रांड के नाम पर नकली कारोबारी कर रहे हैं।

सागरSep 08, 2024 / 12:35 pm

Madan Tiwari

ऑनलाइन कारोबार में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा, ब्रांडेड कंपनी की लिंक दिखाकर फर्जीवाड़ा चल रहा, रिटर्न और एक्सचेंज की भी गारंटी नहीं

सागर. बढ़ते इंटरनेट के उपयोग के साथ फर्जीवाड़ा भी बढ़ रहा है। साइबर ठगी के मामले तो आए दिन सामने आ रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग के कारोबार में भी बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। इसका सबसे ज्यादा दुरुपयोग सोशल साइड के माध्यम से ब्रांड के नाम पर नकली कारोबारी कर रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग में नए-नए जुड़े ग्राइक ब्रांड के चक्कर में इन ठगों के जाल में फंसते हैं और यह उन्हें नकली और कॉपी प्रोडक्ट पकड़ा देते हैं।
– माल खरीदने के बाद गारंटी नहीं

आमतौर पर ब्रांडेड कंपनियां और जानी-मानी ई-कॉमर्स साइड अपने ग्राहक को प्रोडक्ट सेल करने के साथ कुछ गारंटियां भी देती हैं, जिसमें तय समय पर रिटर्न, एक्सचेंज, प्रोडक्ट की गुणवत्ता को लेकर वांरटी देती हैं। इसके साथ ग्राहक को डिलेवरी लेते समय भुगतान का विकल्प भी दिया जाता है, लेकिन लेकिन नकली और कॉपी आइटम बेच रहीं ई-कॉमर्स साइट से खरीदी करने पर कोई गारंटी नहीं होती। अधिकांश साइट पे ऑन डिलेवरी का विकल्प ही नहीं देती। इसके बाद यदि उत्पाद ले लिया तो उसे रिटर्न करना तो दूर एक्सचेंज की भी उम्मीद नहीं होती। वहीं रुपए डूबने का खतरा अलग बना रहता है।
– यह कुछ मामले

– ब्रांडेड शूज की लिंक दिखाकर लालच दे रहे

गोपालगंज क्षेत्र के रहने वाले अमन खान ने बताया कि उन्हें उनके एक मित्र ने सोशल साइड पर चल रही ब्रांडेड शूज की सेल संबंधी एक लिंक भेजी। जिस पर ऊपर से लिंक संबंधित ब्रांड की ही थी और महंगे शूज पर 70 से 80 प्रतिशत डिस्काउंट दिखाया गया, लेकिन जैसे ही उस पर क्लिक किया तो लिंक एप पर न खुलकर वेबपेज ब्राउजर पर खुल रही थी। इतना ही नहीं वह वेबपेज भी ब्रांड का नहीं था। अमन ने बताया कि जब उन्होंने जानकारों से समझा तो पता चला कि इस लिंक में फ्रॉड हो सकता है और राशि डूब सकती है। जिसके कारण शॉपिंग नहीं की।
– ब्रांड की कॉपी पकड़ा दी

सिविल लाइन निवासी चंद्रप्रकाश ने बताया कि सोशल मीडिया पर उन्हें एक ब्रांडेड कंपनी के जींच नजर आए, जिन पर 50 से 60 प्रतिशत तक डिस्काउंट था। ऊपर से लिंक संबंधित कंपनी की थी, लेकिन जब उस पर क्लिक किया तो सेलिंग साइड का नाम बदल गया। इसके बाद मैंने दो 60 प्रतिशत डिस्काउंट पर 1800-1800 के दो जींस बुक कर दिए। जब कोरियर आया तो वह ब्रांड की कॉपी थे। इसके बाद संबंधित कंपनी ने ऑप्शन होने के बाद भी कपड़े रिटर्न नहीं किए।
– हर आइटम में फर्जीवाड़ा

ऑनलाइन शॉपिंग में चल रहा फर्जीवाड़ा किसी एक ब्रांड या आइटम को लेकर नहीं, बल्कि हर प्रकार के उत्पाद में चल रहा है। इसमें कपड़े, जूते, हॉजरी, फर्नीचर, कॉस्मेटिक, स्पोर्ट, ज्वेलरी जैसे तमाम ब्रांडेड प्रोडक्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इतना ही नहीं इंटरनेट साइड पर खान-पानी की चीजों को भी आर्गनिक बताकर नकली माल खपाने की शिकायतें मिलीं हैं।
– एक्सपर्ट व्यू

– अधिकृत साइट से ही खरीदी करें

इंटरनेट की दुनिया में हर जगह ठग बैठे हैं। वे आपके मोबाइल की जासूसी कर ठगी कर रहे हैं तो ई-कॉमर्स साइट पर नकली माल को ब्रांड के नाम पर बेचकर चूना लगा रहे हैं। इसमें ग्राहक को खुद को जागरूक होना पड़ेगा। वह ऑफर के लालच में न आए, यदि ब्रांड बाकई में ऑफर दे रहा है तो उसकी अधिकृत साइट पर जाकर इसकी पुष्टि की जा सकती है। ऑनलाइन शॉपिंग में हमेशा ध्यान रखें कि ब्रांड या फिर अधिकृत ई-कॉमर्स साइट से ही खरीदी करें, जिससे यदि फ्रॉड होता तो उसकी रिकवरी हो सके।
शीतांशु राजोरिया, तकनीकी एक्सपर्ट

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