बुध या छोटी अंगुली: संचार, वाणिज्य और होशियारी का प्रतीक है। इसके नीचे का क्षेत्र बुध पर्वत के नाम से जाना जाता है।
शुक्र या अंगूठा: यह आपके प्रेम, कामुकता और सौंदर्य बोध का प्रतिनिधित्व करता है। इसके नीचे का क्षेत्र शुक्र पर्वत के नाम से जाना जाता है।
इनके अलावा, हथेली का केंद्र अक्सर राहु से, निचला भाग केतु से और अंगूठे के विपरीत भाग चंद्रमा से जुड़े होते हैं।
हृदय रेखा: यह रेखा छोटी अंगुली के नीचे हथेली के किनारे से शुरू होकर हथेली के पार तर्जनी की ओर जाती है। यह भावनात्मक स्थिति, हृदय से जुड़े स्वास्थ्य और रिश्तों का प्रतिनिधित्व करती है।
मस्तिष्क रेखा: यह रेखा अंगूठे और तर्जनी के बीच हथेली के किनारे से शुरू होकर दूसरे किनारे की ओर जाती है। यह रेखा बौद्धिक प्रवृत्ति, मानसिक स्थिति और निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाती है।
जीवन रेखा: यह रेखा अंगूठे और तर्जनी के बीच से शुरू होती है और कलाई की ओर बढ़ती है। यह स्वास्थ्य और जीवन में बदलाव के बारे में जानकारी देती है।
भाग्य रेखाः भाग्य रेखा हथेली के बीच में होती है और यह मणिबंध से निकलकर ऊपर की ओर जाती है।
अंगुलियों का महत्व
हस्तरेखा विज्ञान में प्रत्येक अंगुली को खंडों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक एक अलग पहलू का प्रतिनिधित्व करता है,पहला या शीर्ष पर्व: महत्वाकांक्षाओं, इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
दूसरा या मध्य पर्व: सामाजिक स्थिति, प्रभाव और शक्ति का प्रतीक है।
तीसरा या निचला पर्व: प्रवृत्ति, भौतिकवादी प्रवृत्ति और व्यावहारिकता को दर्शाता है।
अंगुलियों के निशान और उनका अर्थ
हस्तरेखा शास्त्र में उंगलियों के निशान का भी महत्वपूर्ण स्थान है। वे किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में बहुमूल्य जानकारी प्रदान कर सकते हैं।शंख (लूप, Loops ): लचीलेपन, अनुकूलनशीलता और खुले दिमाग का संकेत देते हैं।
चक्र( व्होर्ल्स, chakra, wheel): चक्र व्यक्तित्व, मुखरता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
चाप (आर्क, Arch): व्यावहारिकता, विश्वसनीयता और विनम्रता का प्रतीक है।