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हाथियों को अनूपपुर जिले की सीमा से बाहर करने पश्चिम बंगाल से पहुंचा 14 सदस्यीय दल

अनूपपुर. 16 दिनों से जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर तहसील, थाना क्षेत्र एवं वन परिक्षेत्र की सीमा में विचरण कर रहे दो हाथियों को जिले से बाहर करने के लिए पश्चिम बंगाल से हाथियों पर काम करने वाली टीम रविवार को पहुंच गई है। दल में 14 सदस्य शामिल हंै। टीम के सदस्य सुबह जैतहरी […]

अनूपपुरJul 01, 2024 / 12:05 pm

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. 16 दिनों से जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर तहसील, थाना क्षेत्र एवं वन परिक्षेत्र की सीमा में विचरण कर रहे दो हाथियों को जिले से बाहर करने के लिए पश्चिम बंगाल से हाथियों पर काम करने वाली टीम रविवार को पहुंच गई है। दल में 14 सदस्य शामिल हंै। टीम के सदस्य सुबह जैतहरी पहुंचकर वन परिक्षेत्र अनूपपुर एवं जैतहरी सीमा क्षेत्र में हाथियों के विचरण स्थल कक्ष क्रमांक 358, 357 एवं 302 का निरीक्षण कर आगे की रणनीति तैयार कर रहे हंै। हाथियों को जिले से बाहर करने के लिए उपयोग में लाए जाने वाली सामग्रियों जुटाने में वन विभाग के अधिकारी लगे हुए हैं। हाथियों को जिले से बाहर करने वन विभाग द्वारा पश्चिम बंगाल से आए दल के साथ जरूरी तैयारी कर ली है। ऑपरेशन जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा और हाथियों को अपने पूर्व स्थल छत्तीसगढ़ की ओर भेजने की कोशिश की जाएगी। एक दिन पहले सीसीएफ एलएल उईके, डीएफओ श्रद्धा पेन्द्रे, एसडीओ प्रदीप कुमार खत्री, जैतपुर एसडीओ आईएफएस गौरव जैन, अनूपपुर, जैतहरी, राजेंद्रग्राम के वन परिक्षेत्र अधिकारी, वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल ने हाथी प्रभावित क्षेत्र गोवरी, ठेंगरहा, पगना, दुधमनिया, केकरपानी, गौरेला का भ्रमण किया। इस दौरान ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने, गांव से बाहर व जंगल के किनारे बसे ग्रामीणों को अंधेरा होने के पूर्व आबादी वाले क्षेत्र या पक्के मकानों में रहने की अपील की है। सीसीएफ एलएल उईके ने बताया कि दोनों हाथी विगत वर्ष जुलाई में आए पांच हाथियों के समूह के सदस्य हैं। दोनों हाथी उन्हीं क्षेत्रों, मार्गों वनों में विचरण करते हुए ठहरते हैं जहां उनके तीन अन्य साथी विचरण करते रहे हैं। दोनों हाथी अपने साथियों की तलाश करने के उद्देश्य से क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं।
7 ग्रामीणों को मिली आर्थिक सहायता राशि

जंगली हाथियों से प्रभावित ग्रामीणों को राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 6 (4) के अनुसार आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत कर प्रदान की गई है। तहसील जैतहरी के प्रभारी तहसीलदार अनुपम पांडे ने बताया कि ग्राम चोलना के 2 मकान क्षति प्रभावितों, ग्राम पगना के 2, ग्राम ठेही का 1 तथा ग्राम गौरेला के 2 प्रभावित किसानों को 37 हजार 500 की राहत राशि उनके बैंक खातों में प्रेषित की गई है। जंगली हाथी से प्रभावित क्षेत्रों में क्षति के आंकलन के संबंध में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ द्वारा निर्देश दिए गए हैं जिसके परिपालन में राजस्व अधिकारी शिविर लगाकर आवश्यक जानकारी संग्रहित किए हैं। जंगली हाथियों से प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा मानकों का ध्यान रखने तथा सुरक्षात्मक आवश्यक सलाह भी ग्रामीणों को दी गई।
हाथियों ने दो घरों में की तोडफ़ोड़, फसलों को पहुंचाया नुकसान

दोनों हाथी ग्राम पंचायत गोबरी के बैगान टोला में दो ग्रामीणों के घरों में तोडफ़ोड़ कर घर के अंदर रखे अनाज को अपना आहार बनाते हुए एक किसान के खेत में लगे अनाज एवं सब्जियों को नुकसान पहुंचाया। ग्राम पंचायत भवन गोवरी के मुख्य मार्ग पार कर ग्राम पंचायत गौरेला के बंधिया टोला, राजा मचान होकर रविवार की सुबह वन परिक्षेत्र अनूपपुर के केकरपानी गांव के दुराही जंगल पीएफ 258, 357 में पहुंचकर कुछ देर विश्राम किया। इसके बाद ग्राम पंचायत पगना के बांकाटोला से कुदुरझोरी नाला पार कर गोबरी बीट के कक्ष क्रमांक 302 ठेंगरहा के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं। जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर वन परिक्षेत्र में दोनों हाथियों ने 17 दिनों से डेरा जमाया हुआ है।

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