ग्रामीणों के अनुसार आरोपी दिनेश की शादी कुछ दिन पहले 21 मई को गांव से सात किमी दूर पडऱई गांव निवासी वर्षा बाई(23) से हुई थी। हालांकि तीन दिन पहले वह मायके चली गई थी, लेकिन मंगलवार को ससुराल वालों ने वर्षा को यह कहकर मायके से बुला लिया कि दिनेश की तबीयत खराब है। इसके बाद वर्षा मां-बाप के साथ मंगलवार को ही अपने ससुराल पहुंच गई थी।
मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात आरोपी दिनेश ने डेढ़ किलो की कुल्हाड़ी से घर के अंदर सो रही पत्नी वर्षा बाई(23) की कुल्हाड़ी से हत्या की। इसके बाद घर के बाहर सो रही मां सियाबाई सुइयाम(55), बहन पार्वती सुइयाम(16), भाई श्रवण सुइयाम(35), भाभी बारातो बाई सुइयाम(30), भतीजा कृष्ण सुइयाम(5), भतीजी सेवंती सुइयाम(4), भतीजी दीपा सुइयाम(डेढ़ साल) की हत्या कर दी। वहीं बड़े पिता के पोते 10 वर्षीय इशू सुइयाम को घायल कर दिया।
ग्रामीणों के अनुसार दिनेश के दो बड़े भाई एवं तीन बहनें थी। पिता और एक भाई की पहले ही मौत हो चुकी थी। एक बहन आशा की शादी तीन साल पहले झामर गांव में और छोटी बहन आपावती की शादी टेकापार में एक साल पहले हुई है। चार दिन पहले ही बहन की डिलेवरी हुई है। दोनों बहन ससुराल में थी। इसलिए उनकी जान बच गई। परिवार में सभी लोगों की मौत की सूचना मिलते ही दोनों बहन मायके पहुंच गई। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। वह यही कह रही थी कि दिनेश का इलाज कराना चाहिए था।
ग्रामीणों के अनुसार दिनेश उर्फ भूरे मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में फैक्ट्री में काम करता था, लेकिन बड़े भाई ने उसे यह कहकर बुला लिया कि यहां आकर खेती में हाथ बटाए। इसके बाद दिनेश गांव आ गया और भाई के साथ किसानी करने लगा। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना था कि दिनेश मानसिक रूप से बीमार था और उसका इलाज नर्मदापुरम में भी हुआ था।
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम कराने के लिए पिकपअ वाहन में सभी शवों को अस्पताल भेजा। ऐसे में सिस्टर पर भी सवाल उठे। लोगों का कहना था कि प्रशासन के पास एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं है।
गांव निवासी भग्गू पिता दल्लू ने बताया कि दिनेश दो दिन पहले कुल्हाड़ी लेकर रात में निकला था और गांव वालों को धमका रहा था। ग्रामीणों ने उसकी शिकायत भी परिजनों से की। इसके बाद परिवार वालों ने झाड़ फूंक कराया था।
जिस गांव में यह घटना हुई वहां 20 से 25 परिवार निवासरत हैं। आसपास जंगल है। कबेलू के बने घर थोड़ी-थोड़ी दूर पर हैं। गांव में प्रवेश करते ही बड़े पिता, चाचा और इसके बाद दिनेश का घर है। ग्रामीणों के अनुसार आरोपी दिनेश उर्फ भूरे कुछ दिन पहले ही गांव आया था। इसलिए किसी को उसके बारे में बहुत अधिक नहीं पता। ग्रामीणों का कहना था कि शुरु में दिनेश ठीक था। जबसे उसकी शादी हुई तब से वह मानसिक रूप से बीमार हो गया था।
मृतकों के पोस्टमार्टम के बाद गांव के ही पास सरकारी जमीन पर शाम 6 बजे आदिवासी रीति-रीवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। एक ही दिन में गांव में 9 लोगों की अर्थी देखकर सभी की आंख नम हो गई।
गांव में ही मृतक दिनेश के दो बड़े पिता का घर है। मृतक परिवार के पास 9 एकड़ जमीन है। जिस में वह खेती करते थे। घर के पास जमीन में कुंआ, छोटा सा तालाब है। खेत में चना, गेहूं, मूंग की फसल उगाते थे। वर्तमान में उनके खेत में सब्जी की फसल बोई गई। ग्रामीणों के अनुसार दिनेश के परिवार में आर्थिक रूप से कोई परेशानी नहीं थी।
दिनेश की शादी एक हफ्ते पहले 21 मई को हुई थी। आज भी उसके घर के बाहर मंडप सजा हुआ है। बताया जा रहा था कि कई रीति-रीवाज चल रहे थे। मंगलवार रात घर के कुछ सदस्य मंडप के नीचे भी सोए हुए थे, जिसकी दिनेश ने हत्या की। रात 2.45 बजे माहुलझिर थाना को गांव में जघन्य हत्याकांड की सूचना मिली।
ग्रामीणों के अनुसार दिनेश की छोटी बहन पार्वती ने छठवीं तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद वह घर ही रहती थी। वहीं भतीजे, भतीजी भी घर पर ही थे। अभी उनका दाखिला किसी स्कूल में नहीं हुआ था।
तामिया विकासखंड के माहुलझिर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुए जघन्य हत्याकांड से छिंदवाड़ा समेत पूरा प्रदेश हिल गया। प्रदेश में मतगणना से ठीक पहले ऐसी घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। एक ही रात में गांव में 9 लोगों की मौत से हर कोई सकते में है। गांव में मातम छाया हुआ है। वहीं हत्यारे दिनेश को लोग कोस भी रहे हैं। दिनेश ने अपनी आत्महत्या के साथ अपने पीछे कई सवाल भी छोड़ दिए हैं। दिनेश ने जिस तरह से परिवार के सदस्यों की कुल्हाड़ी से हत्या की वह किसी के समझ में नहीं आ रहा है। हर सदस्य घर में इस तरह सोया हुआ है जैसे उन्हें पहले नींद की गोली दी गई हो और फिर कुल्हाड़ी से मौत के घाट उतारा गया हो। घर में खून ही खून फैला हुआ था।
प्राथमिक जांच में यह सामने आया है युवक मानसिक रूप से बीमार था। उसने पत्नी समेत परिवार के 8 लोगों की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी और खुद फांसी लगा ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मनीष खत्री, एसपी, छिंदवाड़ा