Delhi MCD: एमसीडी शाहदरा साउथ जोन की जीरो वेस्ट 100 सोसाइटियों व संस्थानों को मिला सम्मान, जानिए मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने क्या कहा?
एमसीडी शाहदरा साउथ जोन की 100 सोसाइटियों व संस्थानों को सौ फीसदी कचरे को अलग करते हुए निस्तारण करने के लिए गुरुवार को पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित उद्योग सदन ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर एमसीडी मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने हिस्सा लेते हुए इन सभी सोसाइटियों व संस्थानों को सर्टिफिकेट देते हुए सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह को एमसीडी साउथ जोन और इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (IPCA) की तरफ से आयोजित किया गया।
एमसीडी मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने दिल्ली नगर निगम के शाहदरा साउथ जोन की 100 सोसाइटियों व संस्थानों को जीरो वेस्ट कॉलोनी का दर्जा प्राप्त करने पर सम्मानित किया।
एमसीडी शाहदरा साउथ जोन की 100 सोसाइटियों व संस्थानों को जीरो वेस्ट कॉलोनी का दर्जा मिलने पर आयोजित किए गए समारोह के अवसर पर एमसीडी मेयर डॉ शैली ओबेरॉय के साथ एमसीडी साउथ जोन की उपायुक्त आईएएस वंदना राव, सहायक आयुक्त आईआरएस रूबल सिंह, आईपीसीए के संस्थापक व निदेशक आशीष जैन, कोंडली से पार्षद मुनेश डेढ़ा, विनोद नगर से पार्षद रविंदर नेगी, आईपी एक्सटेंशन से पार्षद रचना सेठी, विश्वास नगर से पार्षद ज्योति रानी भी उपस्थित रहे।
वहीं, इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए एमसीडी मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने कहा कि एमसीडी की तरफ से शुरू की गई इस अनूठी पहल से घरों से निकलने वाले कचरे के प्रोसेसिंग की समस्या का हल करने में मदद मिलेगी। तीनों लैंडफिल साइटों पर कचरे का दबाव भी कम होगा। एमसीडी की आप सरकार दिल्ली में अब नए कूड़े के पहाड़ नहीं बनने देगी। अब हम घरों में ही कूड़े का निस्तारण करेंगे। वर्तमान में मौजूद कूड़े के पहाड़ों पर दिन रात काम चल रहा है।
लोगों की मदद से दिल्ली को कचरा मुक्त बनाने में होंगे सफल : मेयर एमसीडी मेयर ने कहा कि आरडब्ल्यूए और लोगों की मदद से निगम की आप सरकार दिल्ली को कचरा मुक्त बनाने में सफल होगी। भविष्य में और भी सोसाइटी जीरो वेस्ट कॉलोनी बनेंगी। कम्यूनिटी पार्टिसिपेशन के बिना कोई काम नहीं हो सकता है। दिल्ली नगर निगम कचरे की समस्या के समाधान के लिए युद्धस्तर पर हर संभव प्रयास कर रहा है। इस साथ ही समारोह में संबोधित करते हुए मेयर ने दिल्ली के सभी नागरिकों से कूड़े के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया।
जीरो वेस्ट कॉलोनी को सहभागिता कॉलोनी के रूप में किया जाता है प्रमाणित : मेयर एमसीडी मेयर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम उन सोसायटियों या संस्थानों को ‘सहभागिता कॉलोनी’ के रूप में प्रमाणित करती है जो स्रोत पर ही 100 फीसदी कचरे को अलग करते हुए और उसका निस्तारण करते हैं। इस प्रक्रिया के तहत कॉलोनी में ही गीले कूड़े से खाद बनाने, रिसाइकिल योग्य सूखे कचरे का 100 फीसदी रीसाइक्लिंग करने और शेष सूखे कचरे को अधिकृत एजेंसी को सौंपते हैं। ‘सहभागिता कॉलोनी’ प्रमाणपत्र हासिल करने वाली ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को एमसीडी की तरफ से प्रॉपर्टी टैक्स में प्रोत्साहन राशि या छूट प्रदान की जाती है। इस प्रोत्साहन राशि का उपयोग आरडब्ल्यूए व ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी की सिफारिशों पर उन कॉलोनी व सोसायटी में विकास कार्य में उपयोग किया जाता है।
एमसीडी शाहदरा साउथ जोन व आईपीसीए ने अप्रैल में शुरू किया था अभियान एमसीडी शाहदरा साउथ जोन और आईपीसीए ने 1 अप्रैल 2023 से पूर्वी दिल्ली के शाहदरा साउथ जोन में बल्क वेस्ट जनरेटर्स के लिए डिसेंट्रलाइज्ड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कैंपेन की शुरुआत की थी। समारोह में जानकारी दी गई कि इस अभियान के लागू होने के तीन महीने के अंदर इन 100 सोसाइटियों व संस्थानों को जीरो वेस्ट का दर्जा हासिल करने पर सम्मानित किया गया। आईपीसीए के अनुसार इस अभियान में भाग लेने वाले संस्थानों को समग्र समाधान प्रदान के लिए कचरे के स्रोत पर जैविक कचरे (ऑर्गेनिक वेस्ट) के मैनेजमेंट के लिए प्रति 35 घरों एक एरोबिन कंपोस्टर (क्षमता 400 लीटर) स्थापित किया गया।
लैंडफिल साइट में कचरे को जाने से रोका जा रहा है : आईपीसीए आईपीसीए के अनुसार डिसेंट्रलाइज्ड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कैंपेन के मद्देनजर सूखे कचरे को एकत्र कर रीसाइक्लिंग व को-प्रोसेसिंग के लिए चैनलाइज किया। आईपीसीए ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और कंपोस्टरों के प्रबंधन के लिए हाउसकीपिंग स्टाफ और श्रमिकों को प्रशिक्षण भी दिया। इस अभियान से 100 सोसाइटियों और संस्थानों के 15 हजार परिवारों ने जुड़ते हुए जीरो वेस्ट मैनेजमेंट को बढ़ावा दिया है। जिससे वह अपनी कॉलोनियों को जीरो वेस्ट कॉलोनी का दर्जा दिलाने में कामयाब हुए। इस अभियान के तहत प्रतिदिन 4 मीट्रिक टन जैविक कचरे का उपचार किया जा रहा है। साथ ही 8 मीट्रिक टन सूखे कचरे को रीसाइक्लिंग व को-प्रोसेसिंग किया जा रहा है। इसके अलावा 12 मीट्रिक टन ठोस कचरे को संसाधित करते हुए उस कचरे को लैंडफिल में जाने से रोका जा रहा है। खाद बनाने के लिए कुल 1.25 लाख किलोग्राम जैविक कचरे को चैनलाइज किया जा रहा है और एक महीने में 25 हजार किलोग्राम कुल खाद को एरोबिन्स के माध्यम से लैंडफिल में जाने से रोका गया है।
कई कॉलोनियों को एमसीडी ने जीरो वेस्ट कॉलोनी किया है घोषित एमसीडी की तरफ से वेस्ट मैनेजमेंट को बढ़ावा देते हुए विभिन्न कॉलोनियों व सोसाइटियों में जागरूकता फैलाई जा रही है। साथ ही सोर्स पर ही सौ फीसदी कचरे को अलग करने का काम करने और अपनी कॉलोनियों में जीरो वेस्ट के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न कॉलोनियों, आरडब्ल्यूए व ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज (जीएसएच) को एमसीडी मान्यता भी दे रही है। इसके साथ ही एमसीडी ने अब तक कई कॉलोनी, आरडब्ल्यूए व जीएचएस को जीरो वेस्ट कॉलोनी घोषित किया है। इसके अलावा एमसीडी ने इन कॉलोनियों को सहभागिता योजना के तहत एमसीडी टैक्स से भी छूट दी है।
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