चुनाव को लेकर गाइडलाइन जारी राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि कि अगर कोई भी प्रत्याशी किसी राजनीतिक दल के झंडा-बैनर का इस्तेमाल करता है, तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव दलगत चुनाव नहीं है, तभी इसे गांव की सरकार कहा जाता है। उम्मीदवार किसी भी पार्टी का समर्थक या कार्यकर्ता हो सकता है, लेकिन पंचायत चुनाव में पार्टी के नाम पर वोट मांगना आचार संहिता का उल्लघंन माना जाएगा।
चुनावी खर्च की राशि निर्धारित इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में खर्च होने वाली राशि भी निर्धारित कर दी है। नियमों के अनुसार जिला परिषद सदस्य पद पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को सबसे अधिक खर्च करने की अनुमति दी गई है। ये उम्मीदवार एक लाख रुपए की राशि चुनाव प्रचार में खर्च कर सकते हैं। वहीं मुखिया और सरपंच को 40-40 हजार, पंचायत समिति सदस्य को 30 हजार, ग्राम पंचायत सदस्य और पंच को 20-20 हजार तक खर्च करने की सीमा तय की गई है। निर्धारित राशि के अंदर ही उम्मीदवार को राशि खर्च करनी होगी।
बिहार पंचायत चुनाव 2021 (Bihar Panchayat Election) को लेकर होने वाले चुनावी प्रचार को लेकर भी आयोग ने निर्देश दिए हैं। जुलूस के समय, जुलूस किस मार्ग से गुजरेगा जैसी जानकारियां पुलिस को पहले से ही देनी होंगे। वहीं प्रशासन की अनुमति के बाद ही जुलूस निकाला जा सकेगा। चुनावी प्रचार के दौरान जिन मोहल्लों से होकर जुलूस गुजरेगा। वहां पर निषेधात्मक आदेश का पता लगाया जाएगा और पूरी तरह से उनका पालन किया जाएगा। यातायात नियमों और प्रतिबंधों का भी पालन करना होगा। जुलूस का रास्ता ऐसा होना चाहिए कि जिससे यातायात में कोई बाधा उत्पन्न न हो।