मई 2025 तक पूरा हो जाएगा एक्सप्रेसवे का काम
देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर नए साल से वाहन फर्राटा भरेंगे। हालांकि इसका पूरा काम मई 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से देहरादून की दूरी तो कम करेगा ही। साथ ही छह घंटे का सफर भी ढाई से तीन घंटे में पूरा होगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे चार फेज में बन रहा है। इसके दो फेज का काम पूरा हो चुका है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज मौर्य ने कहा ”गणेशपुर से लेकर आशारोड़ी तक चौथे फेज का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। इसमें एलिवेटेड कॉरिडोर के साथ सुरंग भी है। अगले साल तक इस बड़ी परियोजना का काम पूरा होना है।”
ढाई घंटे में पूरा होगा दिल्ली से देहरादून का सफर
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज मौर्य की मानें तो दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के बनने से यात्रियों का आधा समय बच जाएगा। यानी अभी दिल्ली से देहरादून के बीच 255 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब छह घंटे लगते हैं। इस एक्सप्रेसवे के पूरी तरह खुलने के बाद यह सफर सिर्फ 210 किलोमीटर का रह जाएगा। इसे पूरा करने में मात्र ढाई से तीन घंटे का समय लगेगा। इस एक्सप्रेसवे का पहला फेज दिल्ली के अक्षरधाम ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दूसरा फेज ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से सहारनपुर बाईपास, तीसरा फेज सहारनपुर बाईपास से गणेशपुर और चौथा फेज गणेशपुर से आशारोड़ी चौक देहरादून तक है।
13 हजार करोड़ रुपये है परियोजना की लागत
13 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही परियोजना के तहत इस एक्सप्रेसवे के पहले फेज यानी अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और चौथे फेज गणेशपुर से आशारोड़ी तक काम पूरा हो चुका है। अब इसके औपचारिक रूप से उद्घाटन की तैयारियां चल रही हैं। इसके अलावा बाकी बचे दो फेज का काम भी मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अफसरों का दावा है कि मई 2025 में इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा कर लिया जाएगा।
जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए बनाया कॉरिडोर
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज मौर्य ने बताया कि गणेशपुर से डाटकाली मंदिर क्षेत्र तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया गया है। 12 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर जंगली जानवरों की सुरक्षा को देखते हुए बनाया गया। यह कॉरिडोर राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र के ऊपर से होकर गुजरता है। इसके अलावा डाटकाली मंदिर क्षेत्र में 340 मीटर लंबी सुरंग भी बनाई गई है। अब इसके औपचारिक उद्घाटन की तैयारियां चल रही हैं। देहरादून में जाम से निपटने के लिए प्लान तैयार
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे शुरू होने से इसपर हर रोज करीब 25 हजार वाहनों के मूवमेंट की संभावना है। दरअसल, वीकेंड या विंटर वेकेशन में आमतौर पर मसूरी में 10 से 15 हजार वाहनों का आना-जाना रहता है। अब अगर यह हाईवे शुरू होता है तो यह आंकड़ा 20 से 25 हजार तक पहुंचने की संभावना है। जिससे देहरादून में जाम की स्थिति बनने की संभावना भी है। इससे बचने के लिए उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय ने एक विशेष प्लान भी तैयार कर लिया है। इस प्लान के तहत मसूरी पहुंचने वाले यात्रियों को लगभग 50 किमी की ज्यादा दूरी तय करनी पड़ेगी।
एक्सप्रेसवे से मसूरी जाने वालों के लिए ये होगा रास्ता
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद मसूरी जाने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा होना तय है। ऐसे में उत्तराखंड यातयात निदेशालय ने राजधानी को जाम के दबाव से बचाने का रूट मैप तैयार किया है। इसके तहत एक्सप्रेसवे से मसूरी जाने वाले ट्रैफिक को देहरादून आईएसबीटी से शिमला बाइपास की तरफ मोड़ा जाएगा। इसके बाद तेलपुर चौक, नयागांव, सिंहनीवाला, धूलकोट, भाऊवाला चौक, मांडूवाला, पौंधा, आमवाला चौक, कौलागढ़ चौक, नींबूवाला, गढ़ी कैंट, सप्लाई चौकी, किमाड़ी, एलबीएस एकेडमी से होते हुए पर्यटक मसूरी पहुंचेंगे। जबकि मसूरी से लौटने वाले ट्रैफिक को भट्टा तिराहा से होते हुए किरसाली चौक, आइटी पार्क, सहस्त्रधारा क्रासिंग, छह नंबर पुलिया होते हुए जोगीवाला तिराहा निकाला जाएगा। यह पूरा प्लान वन-वे है।
GPS पर डाला जाएगा देहरादून से मसूरी का नया रूट
उत्तराखंड यातायात निदेशालय के डायरेक्टर अरुण मोहन जोशी ने बताया “बाहर से आने वाले ज्यादातर पर्यटक गूगल मैप के सहारे अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। ऐसे में हम आशारोड़ी से मसूरी जाने के लिए नए रूट को ही जीपीएस पर डालेंगे। इसके बाद गूगल मैप आशारोड़ी से मसूरी जाने के लिए यही रास्ता दिखाएगा। जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इसके अलावा आशारोड़ी, आइएसबीटी और शिमला बाइपास चौक पर बैरियर भी लगाया जाएगा। हालांकि अगर कोई पर्यटक गलत जानकारी देकर शहर में घुस जाएगा तो उसे निरंजनपुर चौक से बल्लीवाला फ्लाईओवर होते हुए मसूरी भेजा जाएगा।