ऐसे में राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के हित के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार हमेंशा इन परिवारों के साथ खड़ी रहेगी और भविष्य में भी इसके हित के लिए हर संभव प्रयास करेगी। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का कहना है कि राज्य सरकार पहले ही 157 मृतक किसानों के परिजनों को नौकरी दे चुकी है।
बता दें कि पंजाब सरकार ने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और प्रत्येक मृतक किसान के परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। पंजाब सरकार का कहना है कि किसान अपने और देश के हित के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में उनके परिवार का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
बता दें कि अब तक कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हुई है। इनमें से कुछ किसान पंजाब के रहने वाले हैं, जिन्हें सरकार आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे रही है। वहीं विपक्ष आंदोलन में मरने वाले सभी किसानों को आर्थिक मदद और परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में किसान आंदोलन में मारे गए सभी किसानों के आर्थिक मदद देने की मांग उठाई थी। इसके जवाब में सरकार ने कहा कि हमारे पास आंदोलन में मारे गए किसानों का आंकड़ा नहीं है, ऐसे में हम मुआवजा नहीं दे सकते। बता दें कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। इसके बाद अब किसान बॉर्डर से धरना खत्म कर वापस अपने घर लौटने लगे हैं।