चार्जशीट से पहले की जांच में पाया गया कि स्पेशल फोर्स ऑपरेशन टीम ने मानक संचालन प्रक्रिया (SoP) और नियमों का पालन नहीं किया था और अंधाधुंध फायरिंग का सहारा लिया था। इस फायरिंग के दौरान छह नागरिकों की तत्काल मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। DGP टीजे लोंगकुमेर ने कहा, “उनकी अनुपातहीन गोलीबारी में ग्रामीणों की मौत हो गई थी। इस मामले से संबंध में हमने 5 मामले दर्ज किए हैं ,आगे की जांच चल रही है।”
वहीं अब नागालैंड सरकार ने केंद्र से चार्जशीट में नामजद जवानों के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत मांगी है। राज्य पुलिस ने भी रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजकर कार्रवाई की मंजूरी मांगी है। वहीं चार्जशीट में एक मेजर, दो सूबेदार, आठ हवलदार, चार नायक, छह लांस नायक और नौ पैराट्रूपर्स के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला बनाया गया है।
बता दें, 4 दिसंबर, 2021 को अपराह्न लगभग 4:20 बजे अपर तिरु और ओटिंग विलेज के बीच लोंगखाओ में घात लगाकर वहां मौजूद 21 पैरा स्पेशल फोर्स की ऑपरेशन टीम ने सफेद बोलेरो पिकअप वाहन पर गोलियां चला दीं, जिसमें ओटिंग गांव के आम लोग सवार थे। जिनमें से ज्यादातर तिरु में कोयला खदानों में मजदूर के रूप में काम करते थे।
DGP टीजे लोंगकुमेर के अनुसार, तिजित पुलिस स्टेशन का मामला ओटिंग घटना से संबंधित है, जहां 4 दिसंबर, 2021 को गलत पहचान के परिणामस्वरूप आतंकवादियों के लिए घात लगाकर किए गए हमले में आम नागरिक मारे गए थे। उन्होंने इन लोगों की न तो सही पहचान सुनिश्चित की थी और न ही हमले से पहले उन्हें कोई चुनौती दी थी। राज्य अपराध पुलिस थाना ने 5 दिसंबर को सेना के अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302, 304 और 34 के तहत फिर से मामला दर्ज किया और जांच एक विशेष जांच दल (SIT) को सौंप दी गई।