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नई दिल्ली

दुनिया की आधी से अधिक आबादी को पीने के पानी पर भरोसा नहीं, मिनरल वाटर का प्रयोग

सबसे ज्यादा आशंका जाम्बिया तो सबसे कम सिंगापुर में

नई दिल्लीAug 28, 2024 / 01:28 am

ANUJ SHARMA

वॉशिंगटन. दुनिया के आधे से अधिक लोगों को पीने के पानी के शुद्ध होने पर भरोसा नहीं है। अधिकतर लोग बोतलबंद मिनरल वाटर और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का इस्तेमाल करते हैं, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। नेचर कम्यूनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि पीने के पानी को लेकर सबसे ज्यादा डर जाम्बिया में तो सबसे कम सिंगापुर में है। दुनिया में औसतन 52.3 फीसदी लोगों को पीने के पानी के स्वच्छ होने पर भरोसा नहीं है। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और चैपल हिल की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के अध्ययन में कहा गया कि अमरीका जैसे विकसित देश, जहां पानी की पर्याप्त उपलब्धता है, वहां के भी 39 फीसदी लोगों को अल्पावधि में पेयजल से गंभीर नुकसान की आशंका है।
कैसे किया अध्ययन

अध्ययन 2019 लॉयड्स रजिस्टर फाउंडेशन वल्र्ड रिस्क पोल से 141 देशों के 148,585 वयस्कों के राष्ट्रीय प्रतिनिधि डेटा का उपयोग कर किया गया। लोग पेयजल की सुरक्षा और खतरों का आकलन नहीं कर पाते, क्योंकि कई प्रदूषक रंगहीन, स्वादहीन और गंधहीन होते हैं।
असुरक्षित जल से अवसाद का खतरा

अध्ययन की वरिष्ठ लेखिका सेरा यंग ने कहा कि असुरक्षित जल के संपर्क में आने वाले लोगों को अधिक मनोवैज्ञानिक तनाव का सामना करना पड़ता है। उनमें अवसाद का खतरा अधिक होता है। मुख्य रूप से महिलाएं, शहरवासी, अधिक शिक्षित लोग और कम आय से जूझ रहे लोगों में पानी से नुकसान की आशंका अधिक रहती है।

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