कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में पुस्तक का लोकार्पण करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हर उम्र के लिए लोग जो संविधान के बारे में जानना-समझना चाहते हैं, यह पुस्तक उनके लिए है। वहीं किशोर मकवाणा ने कहा कि भारतीय संविधान लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र में आस्था रखने वाले लोगों की आशा और श्रद्धा का केंद्र है।
संविधान को जानना-समझना हर भारतीय, विशेषकर विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है। संविधान को समझने से वे भारत के नागरिक के रूप में अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानेंगे। उनमें लोकतंत्र, समानता और न्याय के सिद्धांतों के प्रति गहरी समझ विकसित होगी। इस पुस्तक का एक ही उद्देश्य है स्कूल-कॉलेज के छात्र एवं किशोर-युवाओं को संविधान के प्रति जागृत करना। पुस्तक को भारतीय संविधान सरल और सुलभ तरीके से समझाने की दृष्टि से डिजाइन किया गया है। जटिल अवधारणाओं को आसान भाषा में समझाया गया है तथा संविधान की मूल प्रति के चित्रों का भरपूर उपयोग किया गया है। इस पुस्तक की भूमिका अर्जुन राम मेघवाल ने लिखी है।
संविधान है देश की नियम पुस्तिका की तरह
मकवाणा ने कहा कि संविधान देश के लिए एक नियमपुस्तिका की तरह है, जो नागरिकों के अधिकारों एवं कर्तव्यों को बताती है और यह निर्धारित करती है कि सरकार को कैसे कार्य करना चाहिए।