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नई दिल्ली

भारतीयों को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार की ज्यादा चिंता, महंगाई की टेंशन हुई कम; Ipsos ने सर्वे के आधार पर किए कई दावे

Ipsos ने भारत सहित 29 देशों के सर्वे किए हैं, जिसके आधार पर दावा किया गया है कि भारतीय लोगों को बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की चिंता अधिक है। वहीं Ipsos ने महंगाई, GDP सहित अन्य मुद्दों पर भी अपने सर्वे के आधार पर दावे किए हैं।

नई दिल्लीOct 29, 2022 / 03:31 pm

Abhishek Kumar Tripathi

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Indians worry more about unemployment, corruption, less worry about inflation; Ipsos made many claims based on the survey

शहर में रहने वाले भारतीयों के लिए बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का मुद्दा सबसे बड़ा चिंता का सबब बना हुआ है। वहीं महंगाई पर लोगों की चिंता कम हुई है। इस बात का दावा Ipsos ने सर्वे के आधार पर किया है। Ipsos ने ऑनलाइन पैनल सिस्टम के माध्यम से भारत सहित 29 देशों के नागरिकों के बीच सर्वे किया है, जिसमें महंगाई की चिंता करने के मुद्दे पर भारत को सबसे नीचे रखा गया है। Ipsos ने बताया कि यह सर्वे 23 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच किया गया है।
इसके साथ ही Ipsos ने दावा किया है कि दुनियाभर के नागरिकों में बढ़ती महंगाई को लेकर सबसे अधिक टेंशन है, जो पिछले महीने की तुलना में 2% बढ़ी है। इसके साथ ही दुनियाभर में नागरिक गरीबी, सामाजिक असमानता, बेरोजगारी, अपराध व हिंसा और भ्रष्टाचार के मुद्दों के बारे में चिंतित हैं।
कोरोना महामारी के साथ वैश्विक मंदी के प्रभाव को महसूस कर रहा भारतीय मार्केट
भारत में Ipsos के सीईओ अमित अदारकर ने सर्वे पर बात करते हुए कहा कि भारतीय मार्केट कोरोना महामारी के साथ ही वैश्विक मंदी के प्रभावों को महसूस कर रहा है। इस कारण से नौकरियों में कमी आई है, जिससे भ्रष्टाचार, अपराध और सामाजिक असमानता में बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि भारत सरकार ने अन्य देशों की तुलना में ईधन की कीमतों को नियंत्रण में रखा है।
 
इंडोनेशिया को पीछे कर दूसरा सबसे पॉजिटिव मार्केट बना भारत
CEO अमित अदारकर ने कहा कि “भारत इंडोनेशिया को पीछे करते हुए दूसरा सबसे पॉजिटिव मार्केट बन गया है। अधिकांश शहरी भारतीयों का मानना है कि भारत सही रास्ते पर है। हालांकि बाढ़ और प्रतिकूल जलवायु के प्रभाव शहरी भारतीयों को चिंतित कर रहे हैं। इन मुद्दों पर सरकार को और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।”

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