महंगाई की मार! GST काउंसिल ने की 143 चीजों के दाम बढ़ाने की सिफारिश, जानिए किन चीजों को किया गया है शामिल
GST काउंसिल जो जीएसटी को रेगुलेट करती है उसने राज्यों से 143 आइटम्स पर टैक्स जीएसटी स्लैब बढ़ाने को लेकर सुझाव मांगे हैं। उसमें से 92 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत से 28 प्रतिशत कर दर में हस्तांतरित करने की बात कही गयी है।
महंगाई की मार! GST काउंसिल ने की 143 चीजों के दाम बढ़ाने की सिफारिश, जानिए किन चीजों को किया गया है शामिल
वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की मई में होने वाली बैठक से पहले सरकार ने राज्यों से 143 वस्तुओं पर कर दर बढ़ाने को लेकर सुझाव मांगे हैं। अगर राज्यों से इन सुझाव पर सहमति बन जाती है तो आम आदमी को महंगाई की मार से परेशान होना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि जिन 143 वस्तुओं के कर दरों में सरकार ने बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है उसमें से 92 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत कर दर में हस्तांतरित करने की बात कही गई है।
इस बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए चेतावनी जारी की है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “अभी गर्मी और महंगाई और झुलसायेगी ! मोदी सरकार ने रोज़मर्रा की 143 वस्तुओं पर GST बढ़ाने का फ़ैसला लिया ताकि हर महीने ₹1,42,000 करोड़ से अधिक वसूली हो। क्या फ़र्क़ पड़ता है अगर – • जेब में पैसा नहीं, • बजट बिगड़ गया है। क्योंकि…भाजपा है तो यही मुमकिन है”।
खबरों के मुताबिक जिन 143 चीजों के दाम बढ़ सकते हैं उनमें पापड़, गुड़, पॉवर बैंक, घड़ी, सूटकेस, परफ्यूम, टीवी (32 इंच तक का), चॉकलेट, कपड़े, गॉगल्स, फ्रेम, वाशबेसिन, अखरोट, कस्टर्ड पाउडर, हैंड बैग्स, च्यूइंग-गम, नॉन-अल्कोहलिक ड्रिंक, चश्मा और चमड़े की चीजें शामिल हैं। GST काउंसिल की ओर से अधिकतर उन्हीं वस्तुओं पर कर की दर को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है जिन पर सरकर ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नवंबर 2017 और दिसंबर 2018 में कर की दर को घटा दिया था।
इसके साथ ही कई चीजों को Exempt List से हटाकर टैक्स के दायरे में लाने पर भी विचार किया जा रहा है। राज्यों की सहमति के बाद से कई चीजें Exempt List से बाहर हो जाएंगी। इसमें गुड़ और पापड़ है। ऐसे में ग्राहकों को उन चीजों को खरीदने के लिए अधिक पैसे चुकाने होंगे। लिस्ट में शामिल 143 वस्तुओं की GST दर 18 प्रतिशत के स्लैब से हटाकर 28 प्रतिशत के GST स्लैब में रखा जाएगा। ऐसे में एक बार फिर अगर कर बढ़े तो फिर से महंगाई बढ़ेगी। जाहिर लोग महंगाई से और प्रभावित होंगे।