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नई दिल्ली

भाजपा ने चुनाव लड़ने के पुराने तरीके त्यागे

– राष्ट्रीय नेताओं से ज्यादा स्थानीय नेता रैलियां करेंगे, छोटी सभाओं से अधिक से अधिक जनता तक पहुंचने की तैयारी

– पीएम मोदी रैलियों से एजेंडा सेट करेंगे, जिसे लोकल नेता जनता के बीच संदेश लेकर जाएंगे

नई दिल्लीNov 12, 2024 / 03:30 pm

Navneet Mishra

नवनीत मिश्र

मुंबई। भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने में पुराने तौर तरीकों को त्याग दिया है। यहां अलग किस्म का माइक्रो मैनेजमेंट अमल में लाया जा रहा। चुनाव लड़ने से टिकट बांटने तक नए पैमाने सेट हुए हैं। राष्ट्रीय नेताओं से ज्यादा स्थानीय नेताओं को महत्व देकर लोकल मुद्दों को साधने का पार्टी ने दांव चला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 4 दिन ही रैली करेंगे, ताकि स्थानीय नेताओं को ग्राउंड पर जनता के बीच रहने का ज्यादा समय मिल सके। प्रधानमंत्री की ज्यादा रैलियां होने से पार्टी के स्थानीय नेताओं की ऊर्जा ज्यादा खर्च होती है। वहीं बड़े नेता भी मंच पर चेहरा दिखाने की होड़ लग जाती है। जिससे पार्टी का निचले स्तर का चुनाव प्रबंधन पर असर पड़ता है। राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान खुद प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली के दौरान सभी बड़े नेताओं के हर बार मंच साझा करने पर टोका था। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि उनकी रैली में प्रदेश के उन्हीं नेताओं को रहना चाहिए, जो अपेक्षित हों। अन्य को अपने क्षेत्र में रहकर दायित्व निभाना चाहिए।

छोटी सभाओं पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी 4 दिन में जहां 11 रैलियां करेंगे, वहीं अन्य सभी नेता इससे ज्यादा सभाएं करेंगे। वजह कि पीएम की सभाओं में ज्यादा भीड़ जुटती है, इसमें ज्यादा संसाधन लगता है। पीएम की तुलना में अन्य नेता छोटी – छोटी सभाएं करेंगे। यही वजह है कि गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य राज्यों के सीएम और नेता ज्यादा रैलियां करेंगे। छोटी सभाएं होने के कारण ज्यादा जगहों पर कराने में आसानी होती है।

स्थानीय नेता ज्यादा रैलियां

राष्ट्रीय मुद्दों से ज्यादा स्थानीय मुद्दों को महत्व देने के लिए लोकल नेताओं से ज्यादा रैलियां कराई जाएंगी।।यही वजह है कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस सबसे ज्यादा 100 से अधिक रैली कर रहे। प्रधानमंत्री मोदी 8 नवंबर को धुले और नासिक, 9 नवंबर को अकोला और नांदेड़, 12 नवंबर को चंद्रपुर, चिमूर, सोलापुर व पुणे और 14 नवंबर को संभाजीनगर, नवी मुंबई और मुंबई में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे।

जो जिताऊ वही टिकाऊ

महाराष्ट्र चुनाव में पार्टी ने टिकट का पैमाना भी बदल दिया है। पिछले चुनाव में परिवार बाद से दूरी बनाने वाली पार्टी ने इस बार मानक बदल दिए। मुंबई अध्यक्ष आशीष सेलार और उनके भाई दोनों को टिकट दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग के सांसद नारायण राणे के दोनों बेटों को इस चुनाव के लिए टिकट दिए गए।मराठवाड़ा क्षेत्र की भोकर विधानसभा सीट पर भाजपा ने चव्हाण परिवार की श्रीजया चव्हाण को भी प्रत्याशी बनाया है।

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