बताते चलें 23 मई को नीतीश कुमार ने छात्रावास के उद्घाटन कार्यक्रम में सिरकत की थी। इस दौरान वो पत्रकारों से भी रूबरू हुए, इस दौरान उन्होंने समलैंगिकता को लेकर जो कहा उसकी आलोचना की जा रही है। अपने संभोधन में जब सीएम दहेज प्रधा को गलत ठहरा रहे थे, तभी उन्होंने ये बात कही।
उन्होंने कहा, “अरे, शादी होगी तभी न बाल-बच्चा होगा। हमीं लोग या कोई है यहां पर, तो मां है तभी न पैदा हुए। मां के बिना पैदा हुए, स्त्री के बिना पैदा हुए? लड़का-लड़का शादी कर लेगा तो कोई पैदा होगा? तो आप बताइए, शादी करते हैं तो आपको बाल-बच्चा होता है और शादी करने के लिए आप दहेज लीजिएगा? इससे बढ़कर कोई दूसरा चीज अन्याय नहीं है।”
दरअसल सीएम नीतीश दहेज प्रथा के विरोध में बोल रहे थे, लेकिन उदाहरण गलत दे बैठे। इसके अलावा भी नीतीश कुमार ने छात्राओं से अपने इंजीनियरिंग के दिनों की बातें साझा की। अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए सीएम नीतीश ने कहा, “जब वो इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ा करते थे तो उस दौरान उनके कॉलेज में एक भी महिला छात्रा नहीं हुआ करती थी।”
नीतीश कुमार ने आगे कहा, “इंजीनियरिंग कॉलेज में एक लड़की नहीं पढ़ती थी। क्या स्थिति थी हमारे समय में, बड़ा खराब लगता था और कोई भी महिला कॉलेज में आ जाती थी तो सबलोग खड़ा होकर महिला को देखने लगता था। अब देखिए कि कितना विकास हुआ है, अब इंजीनियरिंग कॉलेज में भी लड़कियां पढ़ने लगी हैं। हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बच्चियां कॉलेज आएं और पढ़ें।” मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वर्तमान में महिलाओं को बहुत अवसर दिए जा रहे हैं, उनके पास अवसरों की कोई कमी नहीं है।