रेलवे सूत्रों ने बताया कि 16 नवंबर को एक्स (ट्विटर) पर शिकायत मिली कि गाड़ी संख्या 20894 डाउन (पटना टाटा वंदे भारत एक्सप्रेस) एवं गाड़ी संख्या 22304 डाउन ( गया हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस) में गया से गाड़ी चलने के बाद मानपुर रेल खंड मध्य के पास अज्ञात व्यक्तियों ने पथराव किया है। हमले में ट्रेन के विंडो का शीशा क्रैक हो गया। घटना की सूचना मिलने के बाद गया आरपीएफ ने विशेष टीम गठित कर घटनास्थल के पास छापेमारी करते हुए एंबुश वॉच किया। इस दौरान मानपुर अड्डा पंप थाना जिला बुनियादगंज निवासी मनीष कुमार उर्फ बादल और विकास कुमार उर्फ सुपर के रूप में हुई। दोनों आरोपियों की आयु 20 साल होने के साथ पुराना आपरधिक इतिहास भी रहा है और दोनों जमानत पर रिहा चल रहे हैं। इस बीच रेलवे ने अपील की है कि किसी भी कारण से चलती गाड़ियों पर पत्थर बाजी करने की कोशिश अपराधिक कृत्य है। सीसीटीवी कैमरा और दूसरे कैमरा से जांच करके तथा यात्रियों से फीडबैक लेकर गाड़ियों पर पत्थर मारने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ट्रेनों की सुरक्षा करना हर नागरिक का दायित्व
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक सूचना एवं प्रचार दिलीप कुमार ने कहा कि भारतीय रेल राष्ट्रीय संपत्ति है। गाड़ियों की रक्षा करना हर नागरिक का दायित्व है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने-अपने गांव-शहर में चलती रेलगाड़ियों पर पत्थरबाजी करने वाले लोगों को चिन्हित करें और इसकी सूचना रेल सुरक्षा बल तथा स्थानीय पुलिस को दें।