सपा नेता ने कहा कि सरकार को इस संबंध में फैसला लेने से पहले गांव और आदिवासी इलाकों के लोगों से पूछना चाहिए। इस दौरान जब अबू आजमी से पूछा गया कि वो बिना बच्चों वाली बात किसके लिए कह रहे हैं। इस पर भी उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि समझने वाले समझ गए, जो ना समझे वो अनाड़ी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि माता-पिता अपने बच्चों की भलाई के बारे में जानते हैं, उन्हें पता है कि अगर सही समय पर बच्ची की शादी नहीं हुई तो वह गलत रास्ते पर जा सकती है। यही वजह है कि मां-बाप जल्द से जल्द अपनी बेटी की शादी कर देते हैं। अगर एक उम्र के बाद उन्हें अच्छे लड़के न मिलें तो क्या इसके लिए सरकार जिम्मेदारी लेगी।
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सरकार के फैसले पर फिरंगी महली को भी आपत्तिसपा नेता का कहना है कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए इस तरह का कानून बनाना चाहती है, जबकि अभी सरकार को जनसंख्या के बजाए विकास पर ध्यान देना चाहिए। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य फिरंगी महली ने भी सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि हमें लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने का फैसला स्वीकार्य नहीं है।