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MP Election 2023 : मैदान में मजबूत, सोशल मीडिया पर कमजोर से हैं नेताजी

जो दिखता है वो बिकता है, ये अर्थशास्त्र में बाजार का सामान्य नियम है। चुनावी दौर में मैदान में प्रत्याशी जाकर जनसंपर्क तो कर रहे है, लेकिन सोशल मीडिया के प्रचार से नदारद है। जिले में भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों की बात करें तो एक को छोडकऱ शेष न तो ट्वीट पर सक्रिय है नहीं फेसबुक पर। पार्टी कार्यालय के मामले में जहां कांग्रेस के गांधी भवन पर पार्टी के घोषणा पत्र का होर्डिंग लगा हुआ है वहीं दूसरी ओर भाजपा इस मामले में पीछे है। यहां सिर्फ पार्टी के एक झंडे के अलावा कुछ नहीं है।

नीमचOct 23, 2023 / 12:24 pm

Sanjana Kumar

2014 के लोकसभा चुनाव ने देश को सोशल मीडिया का महत्व बताया था। तब चुनाव में सोशल मीडिया का सबसे अधिक उपयोग हुआ था। तब से अब तक चुनाव हो या अन्य कोई कार्य, सोशल मीडिया का महत्व बना हुआ है, लेकिन ये बात नीमच जिले में प्रमुख दल के प्रत्याशियों के लिए मायने रखती नजर नहीं आ रही है।

जिले में वर्तमान में कांग्रेस या भाजपा से टिकट मिले प्रत्याशियों के सोशल मीडिया खातो को देखें तो जावद के भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सखलेचा ट्वीटर पर है। वे मंत्री है तो उनकी सरकार से जुड़ी पोस्ट आती रहती है, लेकिन अन्य प्रत्याशियों की बात की जाए तो ट्वीटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक पर से अधिकतर गायब ही है। नीमच शहर से कांग्रेस प्रत्याशी उमराव सिंह गुर्जर ने तो वर्ष 2021 में अक्टूबर के बाद से अपने पेज पर कोई पोस्ट ही नहीं की है। ये ही हाल अन्य प्रत्याशियों के भी है।

समर्थक लड़ रहे लड़ाई

भले प्रत्याशी सोशल मीडिया पर जिले में लड़ाई में कमजोर हो, लेकिन उनके युवा समर्थकों को सोशल मीडिया का महत्व बेहतर तरीके से पता है। इसलिए वे अलग-अलग सोशल मीडिया खाते में अपने-अपने नेताजी की शान में गुणगान कर रहे है। जिले में भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों के समर्थक सबसे अधिक वाट्सएप व इंस्टाग्राम पर सक्रिय नजर आ रहे है। वे अपने नेताजी के वीडियो, उनके प्रचार की सामग्री आदि को पोस्ट कर रहे हैं। कहने को चुनाव आयोग कह रहा है कि सोशल मीडिया पर नजर है, लेकिन हकीकत ये है कि अधिकांश सोशल मीडिया तक जिले के आयोग के अधिकारी पहुंच ही नहीं पाए है।

प्रचार से दूर भाजपा

प्रत्याशियों के नाम के एलान के साथ ही सोशल मीडिया पर प्रतिदिन की पोस्ट करने के मामले में जिले में कांग्रेस आगे है, जबकि भाजपा की आईटी सेल से लेकर संगठन की नींद ही अब तक इस मामले में नहीं खुली है।

 

इनका विशेष महत्व

मतदाता दो प्रकार के होते है। एक वो जो सोशल मीडिया पर सक्रिय है, दूसरे वो जो इनसे दूर है। सोशल मीडिया पर सक्रिय मतदाताओं के लिए कांग्रेस का स्पेशल प्लान जल्द नजर आएगा।

हमारी नजर हर जगह

ये जरूरी नहीं है कि प्रत्याशी स्वयं ही जनसंपर्क कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। भाजपा की आईटी सेल इसके लिए काम करती है।

– विकास बोंद्रिया, भाजपा आईटी सेल

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