वेरिएंट को लेकर अध्ययन की जरूरत
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी तक दुनिया के किसी देश में ओमिक्रोन के चलते मौत की कोई खबर नहीं है, लेकिन अभी इस वेरिएंट को लेकर काफी गहन अध्ययन किए जाने की जरूरत है। जिससे इस वेरिएंट पर वैक्सीन की प्रभावशीलता और पूर्व के संक्रमण के चलते पैदा हुई प्रतिरक्षा को बेहअसर करने की क्षमता के बारे में जानकारी मिल सके। अभी तक सिर्फ यही पता है कि यह वेरिएंट बेहद खतरनाक है और इससे सावधान रहने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि ओमिक्रोन वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में बहुत ज्यादा म्युटेशन हुआ है, इनमें से कुछ महामारी की गंभीरता पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंता पैदा करते हैं। यह बहुत बड़ा वैश्विक खतरा है। बता दें कि इससे एक दिन पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि ओमिक्रोन के ज्यादा संक्रामक होने के अभी प्रमाण नहीं मिले हैं। वहीं दुनियाभर में पाए जाने वाले कोरोना के मामले अभी डेल्टा वेरिएंट के चलते ही सामने आ रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा कि ओमिक्रोन वेरिएंट दर्शाता है कि कोरोना का खतरा अभी तक खत्म नहीं हुआ है। WHO महानिदेशक ने इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक बुलाने की भी बात कही है।
गौरतलब है कि ओमिक्रोन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए सभी देश अलर्ट हो गए हैं। कई देशों ने कोरोना की नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं। वहीं कुछ देशों ने विदेशों से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोरोना टीकाकरण अभियान पर खास ध्यान दिया जा रहा है। वहीं भारत कोरोना की बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण की रणनीति बना रहा है।