पहली बार होने जा रहा है लोकसभा अध्यक्ष चुनाव
लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव का आयोजन सामान्यतः तब होता है जब नई लोकसभा का गठन होता है या किसी कारणवश वर्तमान अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाता है। हालांकि, यदि ऐसा हो रहा है कि लोकसभा अध्यक्ष के लिए पहली बार एक प्रतिस्पर्धात्मक चुनाव आयोजित किया जा रहा है, तो यह भारतीय संसदीय परंपराओं के अनुसार एक महत्वपूर्ण घटना है। लोकसभा के स्पीकर के चयन को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाई। अब स्पीकर का चयन चुनाव के माध्यम से होगा। इस प्रकार से देश में पहली बार चुनाव होने जा रहा है।
चुनाव की प्रक्रिया और उम्मीदवार
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है। सभी सदस्यों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अधिकार होता है। एक प्रतिस्पर्धात्मक चुनाव संसदीय लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता को दर्शाता है। यह विभिन्न दलों के बीच संवाद और समन्वय को बढ़ावा दे सकता है। विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवार खड़ा कर सकते हैं। चुनाव में सफलता के लिए उम्मीदवार का संसदीय अनुभव और सदस्यों का विश्वास महत्वपूर्ण होगा।
जानिए कौन हैं के. सुरेश
एनडीए ने लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को फिर से स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद विपक्ष की ओर से सांसद के. सुरेश ने भी नामांकन कर दिया। कांग्रेस सांसद के. सुरेश 8वीं बार जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं। जून 1962 में जन्मे के. सुरेश पहली बार 27 साल की उम्र में सांसद चुने गए। सुरेश केरल में कांग्रेस के एक दलित चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सीपीएम के अरुण कुमार सीए को 10868 वोटों से हराया था। के. सुरेश पहली बार 1989 में लोकसभा के लिए चुने गए थे और 2009 से मावेलिक्कारा सीट पर लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं।