क्या होता है आर्थिक सर्वे (Economic Survey)
हर साल 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया जाता है। इससे ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वे को पेश किया जाता है। इस आर्थिक सर्वे को बजट का मुख्य आधार माना जाता है। इसे पिछले वित्तीय वर्ष की समीक्षा के आधार पर तैयार किया जाता है। इसकी मदद से सरकार देश की अर्थव्यवस्था की ताजा रिपोर्ट पेश करती है। इसमें देश में साल भर में डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई, किस सेक्टर में कैन सी योजनाएं किस तरह लागू हुईं आदि बातों का विवरण दिया गया होता है।
2 भागों में पेश होता है इकोनॉमिक सर्वे
आर्थिक सर्वे को बजट का मुख्य आधार माना कहा जाता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि इसकी सिफारिशों को सरकार लागू ही करे। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकारी नीतियों और प्रमुख आर्थिक आंकड़े के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसको 2 भागों में पेश किया जाता है। आर्थिक सर्वे के पहले हिस्से में देश की इकोनॉमी की ताजा हालत के बारे में जानकारी दी गई होती है। इसके दूसरे हिस्से में विभिन्न सेक्टर्स के प्रमुख आंकड़े प्रदर्शित किए जाते हैं। आर्थिक मामलों के विभाग चीफ के मार्गदर्शन में ये बनाया जाता है.
पहला आर्थिक सर्वे 1950-51 में आया था
बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने वाला यह आर्थिक सर्वे बेहद खास होता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किए गए इस सर्वे को अंतिम रूप देने के बाद वित्त मंत्री की ओर से अनुमोदित दिया जाता है। गौरतलब है कि आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने का सिलसिला 1950 से जारी है. वित्त वर्ष 1950-51 में पहली बार देश का इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया था।
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