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सिसोदिया ने बताया कि आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य सभी सरकारी दफ्तरों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ लागू करने को कहा गया है। इसके अलावा निजी दफ्तरों में अधिकतम 50 फीसदी उपस्थिति की सीमा लागू रहेगी।
कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच बस और मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन को लेकर भी डीडीएमए की बैठक में अहम फैसला लिया गया है। इसके तहत सार्वजनिक परिवहन में लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बस और मेट्रो को 100 फीसदी क्षमता के साथ परिचालन को मंजूरी दी है।
सिसोदिया ने कहा कि बस और मेट्रो का 100 फीसदी क्षमता के साथ परिचालन होगा, लेकिन सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि मेट्रो स्टेशनों के बाहर और बस स्टॉप पर लगने वाली भीड़ को कंट्रोल करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
DDMA के मुताबिक पांच दिन तक लगातार संक्रमण दर पांच फीसदी से ज्यादा रहने पर ‘रेड अलर्ट’ की घोषणा की जाती है। इसके तहत पूर्ण कर्फ्यू लागू किया जाता है। यही नहीं राष्ट्रीय राजधानी में ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ जाती हैं। हालांकि दिल्ली में फिलहाल कोरोना को काबू करने के लिए येलो अलर्ट जारी किया जा चुका है।
दरअसल राजधानी में कोरोना मरीजों के लिए निर्धारित 9,029 बिस्तरों (बेड) में से 420 यानी 4.65 प्रतिशत पर मरीज भर्ती हैं। इनमें से 124 मरीजों को ऑक्सीजन की मदद दी गई। वहीं सात मरीज वेंटिलेटर पर हैं।