दो हजार रुपए तक पहुंची खाने की प्लेट
सामान्य शादी में 500 से 900 रुपए प्रति प्लेट का भोजन अब 1200 से 1700 रुपए और उससे भी ज्यादा तक पहुंच गया है। खर्च कम करने के लिए 1500 से 2000 के बजाय 800-1000 मेहमानों को ही आमंत्रित किया जा रहा है। लोग दो आयोजन अगल-अलग शहरों में करवा कर भी कटौती कर रहे हैं।-अजय जैन, संरक्षक, मप्र कैटरिंग कमेटी
न्यूनतम दरें बढ़ीं, गार्डन-होटल 10 फीसदी महंगे
इंदौर में शादी प्रबंधन के विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार के सीजन में गार्डन-होटल की रेट में 10 फीसदी बढ़ोतरी हुई है वहीं बैंड बाजा और घोड़ी का न्यूनतम खर्चा बढ़ा दिया गया है। पहले बैंड 5000 से 51000 तक मिलते थे लेकिन अब शुरूआत 11000 से हो रही है। घोड़ी का न्यूनतम किराया भी 2100 से बढ़ा कर 3100 रुपए हो गया है।Indian Railways: रेलवे के सुपर ऐप से मिलेगा ट्रेन का कंफर्म टिकट, आरक्षण और टाइम टेबल के साथ मिलेगी ये खास सुविधाएं
युवाओं की पसंद – पारंपरिक के साथ मल्टी कुजिन का दौर
पहले घर के वरिष्ठजन पारंपरिक व्यंजनों का मैन्यू तय करते थे। अब युवाओं और महिलाओं की पसंद सर्वोपरि हो गई है। पारंपरिक भोजन के साथ ही मल्टी कुजिन मैन्यू में चाट, जैपनीज, कुरियन, ओरिएंटल, इटालियन, मैक्सिकन, चाइनीज, टर्किश डिशेज पसंद की जा रही हैं।यों बढ़ रहा उच्च मध्यम वर्ग की शादियों का बजट
-2 से 2.50 लाख रुपए तक – 90 के दशक में-3 से 5 लाख रुपए तक – 2000 तक
-10 से 15 लाख रुपए तक – 2010 के बाद
-25 से 30 लाख रुपए तक – 2015 तक
-50 लाख से एक करोड़ तक – 2022 के बाद
उच्च मध्यम वर्ग: इस तरह कर रहे खर्च
-05-15 लाख रुपए तक – मैरिज गार्डन और रिसोर्ट की बुकिंग-02 लाख रुपए – फोटो और वीडियो शूट
-06-10 लाख रुपए – खाने पर खर्च (500 मेहमानों पर)
-05-08 लाख रुपए- इवेंट मैनेजमेंट पर
-05 लाख रुपए तक – परिवार का थीम बेस्ड पहनावा
एलीट क्लास के खर्च अपार: पसंद आ रही डेस्टिनेशन मैरिज
-3-5 करोड़ तक की शादियां हो रही राजस्थान में, 40 बड़े वेडिंग डिस्टिनेशन-15 लाख रुपए – फोटो, वीडियो और सोशल मीडिया रील्स-शॉर्ट मूवी
-50 लाख रुपए – इवेंट मैनेंजमेंट
-15 लाख रुपए -बैंड
-20 लाख रुपए- बॉलीबुड और पंजाबी सिंगर बुलाने में
शादी का बजट
-15 फीसदी – ज्वैलरी की खरीददारी पर-10-10 फीसदी – टैंट सजावट और कैटरिंग की सेवाओं पर खर्च
-10 फीसदी – किराना, सब्जी, ड्राई फूट्स, मिठाइयों और स्नैक्स पर
-10 फीसदी – कपड़े-लहंगे और अन्य परिधानों पर
-06 फीसदी – लाइट साउंड और संगीत, आर्केस्ट्रा पर
-04 फीसदी – फूलों की सजावट पर
(स्रोत: सीएआइटी)