जस्टिस ए.के. जयशंकरन नांबियार और श्याम कुमार वी.एम. की पीठ ने राज्य सरकार के वकील को यह पता लगाने का निर्देश दिया कि क्या बैंक इस तरह की प्रथा का सहारा ले रहे हैं। पीठ ने कहा, अगर ऐसा हो रहा है, तो हम हस्तक्षेप करेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऋण देने वाले बैंक वसूली को याद रख सकते हैं, लेकिन जब किसी विशेष उद्देश्य के लिए धन दिया जाता है तो उसे बैंक के अन्य उपयोगों के लिए विनियोजित नहीं किया जा सकता। इस तरह के हालात में सहानुभूति दिखाना बैंक का मौलिक कर्त्तव्य है।
स्वप्रेरणा से सुनवाई
हाईकोर्ट वायनाड में 30 जुलाई को भूस्खलन के कारण 200 से ज्यादा लोगों की मौत और कई के घायल या लापता होने के बाद राहत उपायों की निगरानी के लिए स्वप्रेरणा मामले की सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि वह प्राकृतिक आपदाओं को रोकने के लिए वैज्ञानिक उपायों पर इनपुट एकत्र करने के साथ भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में साप्ताहिक आधार पर बचाव कार्यों की निगरानी करेगा।
विशेषज्ञों की तैनाती पर भी होगा विचार
कोर्ट इस पर भी विचार करेगा कि विभिन्न स्तरों (राष्ट्रीय, राज्य और जिला) पर विनियामक आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ उनके सलाहकार बोर्डों में विशेषज्ञों की उचित तैनाती है या नहीं। कोर्ट जांच करेगा कि क्या इन निकायों ने कोई सुझाव दिया है, जिसे उपयुक्त कानूनी संशोधनों के लिए राज्य सरकार के समक्ष रखा जा सकता है।