क्या बोले थे ललन सिंह
लोकसभा में सरकार के पक्ष में ललन सिंह ने विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए कहा था कि विपक्ष गुरुद्वारा और मंदिर का उदाहरण दे रहा है लेकिन वक्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक संस्था है। ललन ने बिल के पक्ष में कहा था कि सरकार द्वारा धर्म में नहीं दखल दिया जा रहा लेकिन अगर किसी संस्था में भ्रष्टाचार है वो दखल क्यों नहीं दे सकती। एनडीए सरकार में जदयू कोटे से मंत्री ललन सिंह की तरफ से वक्फ बोर्ड बिल के बचाव को लेकर कुछ मुस्लिम संगठन के प्रमुख ने पटना में पार्टी के चीफ और सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी।
सीएम नीतीश के निर्देश पर हुई मीटिंग
मुस्लिम संगठनों द्वारा जताई गयी नाराजगी पर नीतीश कुमार ने संज्ञान लिया। उन्हीं के निर्देश पर पटना जेडीयू कार्यालय में ललन सिंह की शिया और सुन्नी बोर्ड के नेताओं के साथ मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद कुशवाहा ने बताया कि दोनों बोर्ड के प्रमुखों ने कानून में प्रस्तावित संशोधन को लेकर अपना पक्ष रखा। बिहार जदयू अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश हमेशा से अल्पसंख्यकों के विकास और हित को लेकर कार्य करते रहे हैं। उन्होंने कभी अल्पसंख्यकों के हितों का नुकसान नहीं होने दिया है और नहीं होने देंगे। बता दें कि इस बैठक में विजय चौधरी, जमा खान, महासचिव मनीष वर्मा, शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के सैयद अफजल अब्बास और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद ईर्शादुल्लाह मौजूद थे। वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए बनी जेपीसी में लोकसभा के 21 सांसद व राज्यसभा के 10 सांसदों को शामिल किया गया है। इनमें सदस्यों में राज्यसभा से बृजलाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधामोहन अग्रवाल, डॉ. सयैद नसीर हुसैन, मोहम्मद नदीमउल हक, पी विजयसाई रेड्डी, मोहमद अब्दुल्ला, संजय सिंह व धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े शामिल हैं।
इस कमेटी में लोकसभा से जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिब्बुल्लाह, कल्याण बनर्जी, ए राजा, लावु श्री कृष्ण देवरायलु, दिलेश्वर कामत, अरविंद सांवत, एम सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के, अरुण भारती और असदुद्दीन ओवैसी सहित कुल 21 सदस्य हैं।