10 लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद अस्पताल को 10 लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश दिए। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि दावा याचिका दायर करने की तारीख और राशि के भुगतान होने तक प्रतिवर्ष 10 फीसदी की दर से साधारण ब्याज भी दिया जाए।
कर्तव्य से मुक्त नहीं हो सकते
मामले में प्रतिवादी अस्पताल ने कहा कि इलाज के दौरान याचिकाकर्ता को डबल-लुमेन ट्यूब के माध्यम से एनेस्थीसिया दिया गया था। इसमें कुछ भी गलत नहीं था। इस पर खंडपीठ ने कहा कि केवल मेडिकल लिटरेचर पर निर्भरता अस्पताल को अपने कर्तव्य से मुक्त करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। खास बात यह है कि उपचार के दौरान मौके पर चिकित्सक मौजूद नहीं थे और यह कार्य प्रशिक्षु एनेस्थेटिस्ट को सौंप दिया गया।