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धनखड़ ने महात्मा गांधी से की पीएम मोदी की तुलना, बताया इस शताब्दी के युग पुरुष

मुंबई में राजचंद्र आत्मकल्याण दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पीएम मोदी की खूब तारीफ की हैं। उन्होंने कहा कि बापू पिछली सर्दी के महापुरुष थे पीएम मोदी इस शताब्दी के युग पुरुष है।

Nov 28, 2023 / 08:19 am

Shaitan Prajapat

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफों के पूल बांधे हैं। पीएम मोदी की महात्मा गांधी से तुलना करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को इस शताब्दी के युग पुरुष बताया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछली शताब्दी के महापुरुष महात्मा गांधी थे और इस शताब्दी के युग पुरुष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। महात्मा गांधी ने सत्याग्रह व अहिंसा से अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा दिलाया। पीएम मोदी भी देश को उस रास्ते पर लाए हैं, जो हमारा सदियों से सपना था। धनखड़ ने सोमवार को मुंबई में श्रीमद राजचंद्र जयंती के अवसर पर आयोजित आत्मकल्याण दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सदियों से महापुरुषों की जननी रहा भारत विश्व संस्कृति का केंद्र है। हमारी सभ्यता 5000 वर्षों से भी प्राचीन है। दुनिया में इतनी प्राचीन और समृद्ध सभ्यता वाला कोई देश नहीं है।


शांति की खोज में हमारे देश में आते हैं विदेशी

जगदीप धनखड़ ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान व संस्कृतिक हमारी ताकत है। निया के महान देशों के लोग शांति की खोज में हमारे देश में आते हैं। उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान और महिलाओं को दिए गए आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा आज राजचंद्र और महात्मा गांधी साक्षात रूप में मौजूद होते तो वे भी इन कार्यक्रमों की सराहना करते।

विपक्ष पर साधा निशाना

धनखड़ ने नाम लिए बिना समारोह में विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत आज तेजी से प्रगति कर रहा है। कुछ शक्तियां देश के विकास को हजम नहीं कर पा रही हैं। जब भी देश में कोई अच्छा काम होता है, कुछ लोग एक दूसरे ही मोड में चले जाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। यह खतरा बहुत बड़ा है। देश को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।

हंगामे पर भी लपेटा

उन्होंने सदन में विपक्ष के हंगामे का भी जिक्र किया और कहा कि लोकतंत्र के जिस मंदिर को डिबेट, चर्चा और विचार-विमर्श की परंपराओं से फलना फूलना चाहिए, वहां शोर-शराबा व व्यवधान होता है। संविधान सभा में तीन साल तक बहस चली। वहां बहुत से विभाजनकारी मुद्दे थे, लेकिन कोई हंगामा नहीं हुआ। कोई वेल में नहीं आया, किसी ने प्लेकार्ड नहीं दिखाए।

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