राफेल फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है। इसकी गति 2222 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह एक साथ 40 दुश्मन की पहचान कर हमलाकर सकता है। इसमें लगी गन एक मिनट में 25 हजार गोलियां दाग सकती है। यह करीब 25 हजार किलोग्राम तक का भार अपने साथ ले जा सकता है। यह लगातार 60 घंटे तक हवा में उड़ान भर सकता है। यह एक मिनट में ही 18 हजार मीटर तक जा सकता है। वायुशक्ति 2024 में पहली बार इसे शामिल किया गया है।
एक छोटी दूरी की विमानभेदी स्वदेशी वायु-रक्षा प्रणाली है। इसे भारतीय वायु सेना के बेस रिपेयर डिपो (BRD) ने तैयार किया है। इसकी मारक क्षमता 40 किलोमीटर तक है। इसकी गति 2982 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह सैन्य स्टेशनों को दुश्मन के हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान करता है। वायुशक्ति 2024 में पहली बार इसका प्रदर्शन किया जा रहा है। यह गर्मी से दुश्मन के मशीन की पहचान कर उन्हें मार गिराता है।
यह भारत का अपना स्वदेशी विमान है। यह 1975 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से उड़ा भर सकता है। अपनी पीढ़ी के विमान में यह सबसे ताकतवर है। इसे 2019 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया। इसका वजन काफी कम है। यह दो सीटों वाला विमान है। यह किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा तैयार किया गया एक बहुत खतरनाक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है। यह 30 किलोमीटर दूर ही दुश्मन को मार गिराता है। इतना ही नहीं 18 हजार मीटर तक दुश्मन इसके करीब नहीं आ सकता है। यह लड़ाकू विमान, मिसाइल और हवा से हवा में मार गिराने में सक्षम है। भारतीय वायु सेना और भारतीय थल सेना इसका प्रयोग कर रही हैं। इस वायुशक्ति 2024 में इसका भी प्रदर्शन किया जा रहा है।
यह दुनिया के सबसे बड़ा मालवाहक सैन्य जहाजों में से एक है। यह एक बार में 77,519 किलोग्राम वजन ले जा सकता है। इस विमान में टैक, हथियारबंद वाहन और ट्रक भी ले जा सकते हैं। यह बहुत ठंडे और गर्म इलाकों में भी उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें मिसाइल वार्निंग सिस्टम भी लगा हुआ है। वायुशक्ति 2024 में पहली बार इसका इस्तेमाल भारी एयर ड्रापिंग के लिए किया गया है। इसके पहले आईएल 76 का प्रयोग किया जाता था।
यह हवा से हवा में दागी जाने वाली मिसाइल है। इसका प्रयोग डॉग फाइट में किया जाता है। यह 80 किलोमीटर तक लंबवत होकर 30 हजार फीट तक दुश्मन को पीछा कर मार सकता है। इसके दो प्रकार हैं। इन्फ्रारेड और सक्रिय राडार। वायुशक्ति 2024 में पहली बार इसे राफेल से दागा जाएगा। कई देशों की सेनाएं इसका इस्तेमाल कर रही हैं।
चिनूक हेलीकॉप्टर: CH-47 Chinook Helicopter 315 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ने वाला दुनिया का सबसे तेज परिवहन हेलीकॉप्टर है। इसकी चौड़ाई 12.5 और ऊंचाई 18.11 फीट होती है। यह दो पंखों वाला हेलीकॉप्टर है। इसमें दो पायलट के साथ तीन सदस्यीय क्रू संचालित करता है। इसकी रेंज 780 किलोमीटर तक है। इसे भारी परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
AH-64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर एक बहुत तेज युद्धक हेलीकॉप्टर है। दुनिया का सबसे उन्नत हेलीकॉप्टर है। यह रात में भी उड़ान भरने में सक्षम है। मिसाइल से लैस अपाचे हेलीकॉप्टर एक मिनट में 128 लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसकी गति 280 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसमें 16 एंटी टैंक एजीएम-114 हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल लगी होती है। वायुशक्ति 2024 में पहली बार इसे शामिल किया गया है। एक बार में यह करीब तीन घंटे तक उड़ान भर सकता है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा तैयार किया गया स्वदेशी हेलीकॉप्टर है। यह दुनिया का एकमात्र हेलीकॉप्टर है जो कि 5 हजार मीटर की ऊँचाई तक हथियारों के साथ उड़ान भर सकता है। इसका आकार ऐसा है कि राडार की पकड़ में नहीं आता है। परमाणु,जैविक और रासायनिक हमलों में भी यह बेहतर काम कर सकता है। इसमें लगा काउंटरमेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम से इसे दुश्मन के रडार और मिसाइलों से बचाता है।
M 777 तोप: यह एक अमरीकी तोप है। एक मिनट में सात गोला दागती है। इसे हेलीकॉप्टर से किसी भी जगह तैनात किया जा सकता है। भारत के लिहाज से अरुणाचल प्रदेश और लददाख में इसकी तैनाती असरदार दिखाई देती है। यह 40 किलोमीटर तक दुश्मन का क्षेत्र तबाह कर देता है। भारत ने 145 तोप 5000 करोड़ से अधिक रुपए में खरीदी थी।