इन तीनों भूकंपो का केंद्र उत्तरकाशी के उत्तरी क्षेत्र में था। उत्तरकाशी का क्षेत्र भारत के भूकंपीय क्षेत्र ‘वी जोन’ (अधिकतम जोखिम) में आता है। उत्तराखंड में पिछले दो महीने में भूकंप के 12 झटके महसूस किए जा चुके हैं।
बड़ा भूकंप आने का इंतजार कर रहा है उत्तराखंड
फरवरी में हैदराबाद स्थित सीएसआईआर-नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि उत्तराखंड ‘बड़े पैमाने पर भूकंप’ के जोखिम का सामना कर सकता है। इस चेतावनी में जोशीमठ सहित अन्य क्षेत्रों का शामिल किया गया था। NGRI के भूकंप विज्ञान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पूर्णचंद्र राव ने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए बताया कि “उत्तराखंड एक भूकंपीय अंतराल में पड़ता है, जहां एक बड़ा भूकंप आने का इंतजार कर रहा है।”
रिक्टर स्केल पर 8 या इससे ऊपर की माप वाले भूकंप को बड़ा भूकंप कहा जाता है। आखिरी बार भारत ने 1905 में हिमाचल प्रदेश में और 1934 में बिहार-नेपाल सीमा में एक बड़ा भूकंप देखा था।