Rain Emergency : भारत के इस प्रदेश में हुई इतनी बारिश की टूट गया बांध, सरकार ने जारी की बाढ़ से तबाही की गंभीर चेतावनी
Tungabhadra Dam Damaged : एपीएसडीएमए के प्रबंध निदेशक आर कुर्मानध के अनुसार, कुल डिस्चार्ज 48,000 क्यूसेक तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे निचले इलाकों में समुदायों के लिए संभावित खतरा पैदा हो सकता है। इसके साथ ही सभी 33 गेट खोल दिए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने स्थानीय लोगों से नहरों और नदियों को पार करने से बचने का आग्रह किया है। जहां बांध से छोड़े जाने के कारण जल स्तर में अचानक वृद्धि होने की संभावना है।
कर्नाटक में तुंगभद्रा बांध का एक गेट शनिवार देर रात बह जाने केा कारण निचले इलाके में भारी जलभराव हो गया है। इसके कारण अब आंध्र प्रदेश में पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) ने कृष्णा नदी के किनारे रहने वाले सभी निवासियों के लिए तत्काल बाढ़ चेतावनी जारी कर दी है। एपीएसडीएमए ने कुरनूल जिले के निवासियों, विशेष रूप से कोसिगी, मंत्रालयम, नंदवरम और कौथलम के गांवों के निवासियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है।
तुंगभद्रा बांध का गेट नंबर 19 बाढ़ के पानी के भारी दबाव के कारण ढह गया है। इसके कारण करीब 35 हजार क्यूसेक पानी बह गया है। एपीएसडीएमए के प्रबंध निदेशक आर कुर्मानध के अनुसार, कुल डिस्चार्ज 48,000 क्यूसेक तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे निचले इलाकों में समुदायों के लिए संभावित खतरा पैदा हो सकता है। इसके साथ ही सभी 33 गेट खोल दिए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने स्थानीय लोगों से नहरों और नदियों को पार करने से बचने का आग्रह किया है। जहां बांध से छोड़े जाने के कारण जल स्तर में अचानक वृद्धि होने की संभावना है।
कुर्मानध ने कहा है कि इन क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहना चाहिए और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए। हमारी टीमें स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही हैं, और जहां भी जरूरत होगी हम सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं। सभी अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं और घटना से संभावित परिणामों का प्रबंधन करने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है। बाढ़ का पानी नीचे की ओर बह रहा है, इसलिए प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
Tungabhadra Dam Damaged : सभी 33 गेटों से पानी छोड़ा जाना शुरू
बांध की स्थिति को देखते हुए तत्काल प्रभाव से 33 गेटों से पानी छोड़ा जाना शुरू हो गया है। अब तक एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ दिया गया है। कोप्पल के जिला प्रभारी मंत्री शिवराज तंगदागी रविवार सुबह बांध पर पहुंचे और स्थिति का आकलन किया। इस समय अधिकारियों का का इस बार पर जोर है कि बांध पर पानी दबाव कम किया जा सके। गौरतलब है कि इस बांध का निर्माण साल 1949 में शुरू हुआ और यह 1953 में बनकर तैयार हुआ।
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