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रोजाना 3 लाख लड्डू, सालाना 500 करोड़ का रेवन्यू… मिलावट के आरोपों के बाद क्या Tirupati की पवित्र मिठाई में आई खटास?

तिरुपति लड्डू विवाद: तिरूपति के लड्डू का चढ़ावा 300 वर्ष से अधिक पुराना है। इसकी शुरुआत 1715 में हुई थी। 2014 में तिरूपति के लडडू को GI टैग का दर्जा प्राप्त हुआ।

नई दिल्लीSep 20, 2024 / 03:01 pm

Akash Sharma

Tirupati Mandir Controversy

Tirupati Mandir Controversy

Tirupati Balaji Temple: अपने अनूठे स्वाद के लिए प्रसिद्ध आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर के पवित्र मंदिर में चढ़ाया जाने वाला लड्डू प्रसादम (Laddu Prasadam) पूरे भारत और विदेशों में भक्तों द्वारा पसंद किया जाता है। ये प्रतिष्ठित लड्डू मंदिर की रसोई में सावधानीपूर्वक तैयार किए जाते हैं, जिन्हें पोटू (Potu) के नाम से जाना जाता है।

ऐसे तैयार किया जाता है लड्डू प्रसादम्

तिरूपति के लड्डू बनाने की प्रक्रिया को दित्तम (Dittam) कहा जाता है, विशिष्ट सामग्रियों और उनकी मात्रा को निर्धारित करती है। इसके इतिहास में नुस्खा केवल छह बार बदला गया है। 2016 TTD रिपोर्ट के मुताबिक, लड्डुओं में दिव्य सुगंध होती है। प्रारंभ में प्रसादम की शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए बेसन और गुड़ की चाशनी से बनी बूंदी बनाई गई थी। बाद में स्वाद और पोषण मूल्य दोनों को बढ़ाने के लिए बादाम, काजू और किशमिश मिलाए गए।
Tirupati Balaji Temple Controversy Update
Tirupati Balaji Temple Controversy

‘3 लाख लड्डू, 500 करोड़ रुपये की सालाना बिक्री’

TTD हर दिन तिरुमाला में लगभग 3 लाख लड्डू तैयार करता है और वितरित करता है। इससे सालाना लगभग 500 करोड़ रुपये की कमाई होती है।
इतिहास (History)

तिरूपति के लड्डू का चढ़ावा 300 वर्ष से अधिक पुराना है। इसकी शुरुआत 1715 में हुई थी। 2014 में तिरूपति के लडडू को GI टैग का दर्जा प्राप्त हुआ। इससे किसी और को उस नाम के तहत लड्डू बेचने से रोक दिया गया।
क्वलिटी कंट्रोल (Quality Control)

एक अत्याधुनिक खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला (Food Testing Laboratory) लड्डुओं के प्रत्येक बैच की गुणवत्ता सुनिश्चित करती है, जिसमें काजू, चीनी और इलायची की सटीक मात्रा होनी चाहिए और वजन ठीक 175 ग्राम होना चाहिए।
Tirupati Balaji Temple
Tirupati Balaji Temple
विदेशी वसा की उपस्थिति (Presence of foreign fats)

लैब टेस्टिंग में एआर डेयरी फूड्स (AR Dairy Foods) की ओर से आपूर्ति किए गए घी में विदेशी वसा की उपस्थिति का पता चला। इसके कारण TTD ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इसके बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन में स्थानांतरित कर दिया।
पहले TTD ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार से घी के लिए 320 रुपये प्रति Kg का भुगतान कर रहा था, लेकिन अब इसे कर्नाटक से 475 रुपये प्रति किलोग्राम पर खरीदता है।
ये है ताजा विवाद (The Latest Controversy)

TDP के तहत आंध्र प्रदेश सरकार ने लैब रिपोर्ट जारी की जिसमें YSRC शासन के दौरान आपूर्ति किए गए घी में लार्ड (सुअर वसा), टैलो (गोमांस वसा) और मछली के तेल सहित विदेशी वसा की उपस्थिति दिखाई गई। लड्डू के स्वाद के बारे में शिकायतों के बाद 23 जुलाई को किए गए विश्लेषण में नारियल, अलसी, रेपसीड और कपास जैसे वनस्पति स्रोतों से वसा भी पाया गया।
नए आईएएस अधिकारी की नियुक्ति (New IAS officer appointed)

टीडीपी सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जे. श्यामला राव को टीटीडी का नया कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया। गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को दूर करने के प्रयासों के तहत, लड्डू के स्वाद और बनावट से संबंधित मुद्दों की जांच का आदेश दिया गया है।

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