कहां कहां कम हैं कितने डॉक्टर?
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण सीएचसी में स्वीकृत पदों की तुलना में सर्जन के 73 प्रतिशत, फिजीशियन के 69 प्रतिशत, शिशु रोग विशेषज्ञों के 68 प्रतिशत और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों के 61 प्रतिशत पद खाली हैं। उल्लेखनीय है कि शिशु एवं मातृ मृत्यु दर के आंकड़े सुधर कर सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में ग्रामीण सीएचसी में शिशु रोग एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की अहम भूमिका रहती है।शहरी क्षेत्रों में हालात तुलनात्मक ठीक
पीएचसी और सीएचसी स्तर पर शहरी क्षेत्राें में भी हालात ज्यादा अच्छे नहीं हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्राें की तुलना में ठीक हैं। शहरी क्षेत्रों में 3,472 विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत है लेकिन सरकारों ने केवल 3,256 पद स्वीकृत किए हैं इनमें से भी 1,415 पद खाली हैं। शहरी क्षेत्राें में पीएचसी में सामान्य डॉक्टरों के 19 फीसदी पद खाली हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में 31 मार्च 2023 तक के आंकड़े दिए गए हैं।जिला अस्पतालों में भी डॉक्टरों की भारी कमी
ग्रामीण व शहरी सीएचसी में सुविधाओं के अभाव के कारण विशेषज्ञ चिकित्सकों का उपयोग नहीं हो पाता लेकिन जिला अस्पतालों की हालत भी बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों के 20 प्रतिशत पद खाली हैं। जिला अस्पतालाें में 30 या उससे अधिक बैड होते हैं जहां ऑपरेशन थियेटर में सर्जरी भी की जा सकती है।सीटें दोगुनी से ज्यादा बढ़ीं, 10 वर्षों में इतने बढ़े
उल्लेखनीय है कि देश में मेडिकल पीजी सीटों में पिछले 10 साल में 133 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिससे विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ी है। एमबीबीएस की सीटों में भी इसी अवधि में 118 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।छत्तीसगढ़ – 664 – 617 – 535
राजस्थान – 2600 – 1702 -1192
गुजरात – 1400 – 459 – 293
कर्नाटक – 728 – 451 -173
भारत – 21964 – 13232 – 8967
शहरी CHC में विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थिति
राज्य – कुल जरुरत – स्वीकृत पदमध्यप्रदेश – 84 – 84 – 77
छत्तीसगढ़ – 12 – 30 – 18
राजस्थान – 272 – 253 – 90
गुजरात – 80 – 62 – 8
कर्नाटक – 120 – 99 – 31
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