Indian Railways: रेलवे के सुपर ऐप से मिलेगा ट्रेन का कंफर्म टिकट, आरक्षण और टाइम टेबल के साथ मिलेगी ये खास सुविधाएं
बेंच ने कहा कि हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि हाईकोर्ट इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचा कि इस मामले में पक्षों के बीच विवाद सुलझाया जाना आवश्यक है और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्राथमिकी और उसके संबंध में आगे की सभी कार्यवाहियां रद्द कर दी जानी चाहिए। जब स्कूल एक शिक्षक द्वारा इस तरह की हरकत की गई तो इसे एक निजी प्रकृति का अपराध नहीं माना जा सकता जिसका समाज पर कोई गंभीर असर नहीं हो। बच्चों के खिलाफ ऐसे अपराधों को जघन्य और समाज के खिलाफ अपराध माना जाना चाहिए। ग्रामीणों की अपील को स्वीकार करते हुए शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के एफआइआर रद्द करने के आदेश को पलट दिया और कहा कि आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रहे।