बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीसीआर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सड़क पर रह रहे बच्चों के पुनर्विस्थापन को लेकर सुझाव देने को कहा है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने राज्यों को निर्देश दिया है कि सड़क पर रह रहे बच्चों की तत्काल पहचान की जाए। वहीं उनका डेटा एनसीपीसीआर को उपलब्ध कराया जाए, जिससे इन बच्चों की मदद कर उनका भविष्य सुधारा जा सके।
कोर्ट ने डीएम और डीसी जैसे अधिकारियों को ऐसे बच्चों की शैक्षणिक स्थिति का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है, जिनको पीएम केयर फंड के तहत लाभ दिया जा सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों के भविष्य सुधारने का स्वत: संज्ञान लिया था, जिसको लेकर कोर्ट ने आज राज्यों और अधिकारियों को ये जिम्मेदारी सौंपी है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी।
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क्या है पीएम केयर फंडकोरोना की मुश्किल समय में आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था। इस कोष में दान करने के लिए देश-विदेश में रह रहे भारतीयों से अपील की गई थी। ये कोष प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य संकट की स्थिति के दौरान प्रभावित लोगों की आर्थिक मदद के लिए बनाया गया था।