कितने करोड़ बकाया?
NCLAT ने दो अगस्त को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी देने के बाद बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया था। यह फैसला बायजू के लिए बड़ी राहत लेकर आया, क्योंकि इसने प्रभावी रूप से इसके संस्थापक बायजू रवींद्रन को फिर से नियंत्रक स्थिति में ला दिया था। हालांकि, यह राहत थोड़े समय की रही क्योंकि बायजू को झटका देते हुए शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगा दी थी। मामला बीसीसीआई के साथ एक प्रायोजन सौदे से संबंधित 158.9 करोड़ रुपये के भुगतान में बायजू की चूक से जुड़ा है।
Byju’s का अर्श से फर्श तक सफर
अभी सभी के मन में यही सवाल है की Byju’s देखते ही देखते अर्श से फर्श पर कैसे आ गिरी, तो बता दें कि इसके पीछे कई कारण रहे हैं। इनमें पहला तो ये कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच ऑनलाइन एजुकेशन की डिमांड चरम पर थी, लेकिन जैसे ही कोरोना का साया हटा, ये कम होती चली गई। इसके अलावा कंपनी ने तमाम अधिग्रहण किए, जिसके चलते इस पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता गया। तीसरा और अहम कारण रहा, कि जैसे ही कंपनी की हालत पस्त होने लगी, तो एक के बाद एक बड़े इन्वेस्टर्स इसका साथ छोड़ते चले गए।