‘सभी आशंकाओं को दूर करना होगा’
चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया था कि EVM स्टैंडअलोन मशीनें हैं और उनके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, लेकिन मानवीय त्रुटि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति दत्ता ने मनिंदर सिंह से कहा कि चुनावी प्रक्रिया में पवित्रता होनी चाहिए। आपको अदालत में और अदालत के बाहर दोनों जगह आशंकाओं को दूर करना होगा। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ अपेक्षित है वह नहीं किया जा रहा है। चुनाव आयोग की दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि हर चीज पर अत्यधिक संदेह करना एक समस्या है। बेंच ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा कि हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता। आप हर चीज की आलोचना नहीं कर सकते। अगर ECI ने कुछ अच्छा किया है, तो आपको इसकी सराहना करनी होगी। आपको हर चीज की आलोचना नहीं करनी चाहिए।
EVM- VVPAT पर्चियों के क्रॉस-सत्यापन की मांग उठाई
वोटिंग की EVM प्रणाली को लेकर विपक्ष के सवालों और आशंकाओं के बीच याचिकाओं में हर वोट के क्रॉस-सत्यापन की मांग की गई है। याचिकाएं एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई हैं। अरुण ने सभी VVPAT पर्चियों की गिनती की मांग की है। ADR की याचिका में अदालत से चुनाव आयोग और केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि मतदाता वीवीपैट के माध्यम से यह सत्यापित कर सकें कि उनका वोट रिकॉर्ड के रूप में गिना गया है।