यहां गैंगवार एकदम फिल्मी है। एक गैंग दूसरी गैंग के आदमी को मारता है और फिर दूसरा गैंग इसका बदला लेता है। हाल के ही घटनाक्रम को देंख लें। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या विक्रम सिंह उर्फ विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए किया है।
बिश्नोई गैंग का करीबी माने जाने वाला मिद्दुखेड़ा यूथ अकाली दल का नेता था जिसकी हत्या पिछले साल 8 अगस्त में मोहाली में दिनदहाड़े की गई थी। इस हत्या के पीछे सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगन प्रीत सिंह का नाम सामने आया था जो ऑस्ट्रेलिया भाग गया।
अब मूसेवाला की हत्या के बाद दविंदर बंबीहा ग्रुप ने सोशल मीडिया पर मूसेवाला की हत्या का बदला लेने की बात कही है। इसके साथ ही कहा कि मूसेवाला का उनकी गैंग से कोई संबंध नहीं था पर ग्रुप से जोड़ा गया तो बदला लेंगे। ये तो रही हाल में हुई घटना की बात इसके आंकड़े देखें तो पिछले 4 सालों में गैंगवार में बदले की भावना से 8 हत्याओं को अंजाम दिया जा चुका है। बबीहा गैंग और लॉरकेंस बिश्नोई गैंग की दुश्मनी सबसे अधिक चर्चा में रही हैं।
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पंजाब में कितने गैंगस्टर्स हैं एक्टिववैसे तो पंजाब में कई गैंग हैं लेकिन 4 ऐसे गैंग हैं जो बेहद चर्चित हैं।
1. जग्गू भगवनपुरिया गैंग: जसदीप सिंह, जिसे गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के नाम से भी जाना जाता है, पंजाब में एक जाना-माना नाम है। पंजाब में इसे सुपारी किंग के नाम से जाना जाता है।
2. लॉरेंस बिश्नोई गैंग: ये पंजाब का जाना-माना गैंगस्टर है। ये छात्र संगठन पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) का नेता रह चुका है। इसके खिलाफ राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, स्नैचिंग, कारजैकिंग और आर्म्स एक्ट के तहत 25 से अधिक मामले दर्ज हैं।
3. जयपाल भुल्लर गैंग: पिछले साल एक एनकाउंटर में इनामी गैंगस्टर जयपाल भुल्लर और जसप्रीत जस्सी को पुलिस ने मार गिराया था। इसके बाद भी ये गैंग पंजाब में आज भी एक्टिव है।
4. दविंदर बंबीहा गैंग: दविंदर बंबिहा को पंजाब के सबसे खतरनाक गैंगस्टरों में से एक माना जाता था। दविंदर बंबिहा समूह ने एक फेसबुक पोस्ट में पंजाबी संगीतकार मनकीरत औलख को धमकाने का श्रेय लेने का दावा किया है।
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इनके फैन फॉलोविंग बना चिंता का विषयइससे भी अधिक चिंताजनक बात ये है इन गैंगस्टरों की पहुंच सोशल मीडिया पर काफी है। बकायदा इनके पेज हैं और ये जेल से भी इसे हैंडल करते हैं। इनकी फॉलोवर्स में युवाओं की संख्या अधिक है जो राज्य के भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं। इनमें से कुछ गैंग ने हाल ही में कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्र चुनावों में हस्तक्षेप करना शुरू भी कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप परिसर में हिंसा में वृद्धि हुई है।
गन कल्चर के आंकड़े
पंजाब में बढ़ती बंदूक हिंसा को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। आंकड़ों को देखें तो पंजाब में देश की आबादी का केवल 2% है, लेकिन यहां देश की 10 फिसदी लाइसेंस बंदूके है।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2022 तक राज्य में 390,275 से अधिक लाइसेंसी हथियार हैं। पंजाब में प्रति 1,000 लोगों पर 13 बंदूक लाइसेंस हैं।
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, केवल 2020 में 830 से अधिक बिना लाइसेंस वाले हथियार जब्त किए गए थे। पंजाब में 5 साल में साढ़े तीन हजार से ज्यादा हत्या की वारदातें हो चुकी हैं। पंजाब पुलिस के अनुसार, 2021 में 724 हत्टाएं हुईं थी।
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हाई कोर्ट लगा चुका है फटकारपंजाब में बंदूकों का प्रसार का श्रेय इन्हीं पंजाबी सिंगर्स को जाता है जो अक्सर अपने एल्बम में गले में सोने की चेन और बंदूकें, राइफल पहने दिखाई देते हैं। खुद सिद्धू मूसेवाला अपने सोशल मीडिया पर गन के साथ तस्वीरें साझा करते थे। राज्य में गन कल्चर इतना ज़बरदस्त है कि 2019 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भी गानों में हिंसक और अश्लील गीतों के महिमामंडन को लेकर ऐसे सिंगर्स को फटकार लगाई थी।