सोमेश्वर मंदिर, सोमनाथ
सोमेश्वर मंदिर गुजरात के सोमनाथ में स्थित है और यह भगवान शिव को समर्पित है। इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। सावन के महीने में इस मंदिर का विशेष महत्व होता है और यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है। इस मंदिर की अद्वितीय वास्तुकला और पौराणिक महत्व भक्तों को आकर्षित करती है। ऐसा माना जाता है कि यहां पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है। यहां आने वाले भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का अनुभव करते हैं।
बैद्यनाथ धाम, देवघर
बैद्यनाथ धाम, जिसे बाबा बैजनाथ भी कहा जाता है। झारखंड के देवघर में स्थित एक प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर है। सावन के महीने में इस मंदिर का विशेष महत्व होता है। भक्त गंगा जल लेकर सुल्तानगंज से देवघर तक की पैदल यात्रा करते हैं, जिसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है। इस यात्रा के दौरान भक्त भगवान शिव के नाम का जयकारा लगाते हुए चलते हैं और बैद्यनाथ धाम पहुंचकर शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से की गई पूजा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन
महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में स्थित है और यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर की विशेषता इसकी भस्म आरती है, जो हर दिन तड़के होती है। सावन के महीने में इस आरती का विशेष महत्व होता है और यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है। महाकाल की आराधना से जीवन में शांति और समृद्धि मिलती है। यहां आने वाले भक्त मानते हैं कि महाकाल की पूजा से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है। मंदिर की पवित्रता और भक्ति का माहौल भक्तों को आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा प्रदान करता है।
अम्बुबाची मेला, कामाख्या मंदिर, असम
कामाख्या मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है। यह शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। यह मंदिर तांत्रिक पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर हर साल जून के महीने में अम्बुबाची मेला आयोजित होता है। यह माना जाता है कि इस दौरान देवी कामाख्या मासिक धर्म में होती हैं, और मंदिर को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है। चौथे दिन पुनः मंदिर के द्वार खुलते हैं और भक्तों को प्रसाद के रूप में लाल कपड़ा मिलता है। इस पर्व का विशेष महत्व है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस दौरान यहां का वातावरण अत्यधिक पवित्र और धार्मिक होता है। सावन के समय इस मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता भी अत्यधिक आकर्षक होती है। अमरनाथ मंदिर, जम्मू और कश्मीर
अमरनाथ गुफा भगवान शिव का एक पवित्र तीर्थ स्थल है, जो कश्मीर की बर्फीली पहाड़ियों में स्थित है। इस गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है, जिसे ‘अमरनाथ का शिवलिंग’ कहा जाता है। सावन के महीने में यहां का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस समय वार्षिक यात्रा होती है, जिसे अमरनाथ यात्रा कहा जाता है। इस यात्रा में लाखों भक्त कठिन पहाड़ी रास्तों को पार करते हुए भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। यह यात्रा भक्ति, श्रद्धा और साहस का प्रतीक है, जिसमें भक्त भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इन पांच मंदिरों की विशेषता और धार्मिक महत्व सावन के दौरान और भी बढ़ जाता है। इन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जो भक्तों को एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। इन मंदिरों की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद लेने का एक सुनहरा अवसर होता है। तो इस सावन में इन मंदिरों की यात्रा अवश्य करें और इनके दिव्य वातावरण का अनुभव करें।