आरएसएस चीफ ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि दुनिया के सारे देश मिलाकर अब तक जितने महापुरुष हुए होंगे उतने हमारे देश में पिछले 200 सालों में हो गए। एक का जीवन सर्वांगीण जीवन की राह उजागर करता है। इस दौरान भागवत ने स्वामी विवेकानंद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था तुम्हारे ईशु, बुद्ध से तेजस्वी लोग आए और काम करके चुप चाप चले गए।
इस दौरान मोहन भागवत ने देश की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, लेकिन इस समय में हमें जहां पहुंचना चाहिए था उससे हम अभी बहुत पीछे हैं। देश को आगे ले जाने के रास्ते पर चलेंगे तो हम जरूर आगे बढ़ेंगे। हम उस रास्ते पर नहीं चले इसलिए आगे नहीं बढ़ें।
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने कहा था, ‘सत्यमेव जयते नानृतम्। यानि सत्य की ही जीत होती है, असत्य की नहीं। झूठ कितनी भी कोशिश कर लेकिन झूठ कभी विजयी नहीं होता है। अब उन्होंने यह बात किस संबंध में की इसका जिक्र नहीं किया। वहीं विपक्ष इसको अलग-अलग मुद्दों से जोड़कर देख रही है। कुछ लोग इसे आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़ रहे हैं, साथ ही इसे कृषि कानूनों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।