पब्लिक अकाउंट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार अडानी केमिकल्स लिमिटेड के जमीन आबंटन के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने 2004 में मंजूरी दी थी। इसमें कच्छ जिले के मुंद्रा में 1,840 हेक्टेयर और ध्राब गांव में 168.42 हेक्टेयर जमीन की मंजूरी दी गई थी। इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी 2009 में राज्य सरकार ने मेसर्स अदानी की एक नई प्रस्तावित योजना को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा था, जिसे केंद्र सरकार ने फरवरी 2009 में सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
PAC ने रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2008 में वन संरक्षक भुज ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में पाया कि आदानी ग्रुप को दी गई जमीन क्रीक मैंग्रोव से भरी हुई थी। इसके बाद भी कच्छ के पूर्व उप वन संरक्षक ने इस जमीन को ईको क्लास IV के तहत माना और कुल 2008.42 हेक्टेयर वन भूमि के लिए 87.97 करोड़ रुपए दाम निर्धारित किया। इसको लेकर पब्लिक अकाउंट कमेटी ने कहा आदानी ग्रुप को इको क्लास II के बजाय इको क्लास IV के अनुसार जमीन दी गई, जिससे राज्य सरकार को कंपनी ने 58.67 करोड़ रुपए कम दिए हैं।