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अदानी ग्रुप को जमीन देने से गुजरात सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान, PAC ने पैसा वसूली की सिफारिश की

अदानी ग्रुप को जमीन देने से गुजरात सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है, जिसके लिए PAC (पब्लिक अकाउंट कमेटी) ने पैसा वसूली करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही जमीन आबंटन में अदानी ग्रुप को अनुचित रूप से लाभ पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है।

Sep 23, 2022 / 12:52 pm

Abhishek Kumar Tripathi

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Rs 58 crore loss to Gujarat due to inappropriate land allotment to Adani firm, PAC recommends recovery of money and action

दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अदानी की कंपनी को जमीन देने से गुजरात सरकार को 58.64 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बीते दिन बुधवार को पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) ने गुजरात विधानसभा में अपनी पांचवीं रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट के जरिए PAC ने बताया है कि वन और पर्यावरण विभाग ने मुंद्रा पोर्ट और एसईजेड के लिए कच्छ में अदानी ग्रुप की कंपनी ‘अदानी केमिकल्स’ को जमीन दी है, जिसका सही से वर्गीकरण नहीं किया गया है। इसके कारण गुजरात सरकार को 58.64 करोड़ रुपए का कम पेमेंट हुआ है।
इसको लेकर पब्लिक अकाउंट कमेटी ने तीन महीने के अंदर अदानी केमिकल्स से पूरा पैसा वसूली करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही जमीन आबंटन में अदानी ग्रुप को अनुचित रूप से लाभ पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है।
केंद्र सरकार ने 2004 में जमीन आबंटन को दी थी मंजूरी
पब्लिक अकाउंट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार अडानी केमिकल्स लिमिटेड के जमीन आबंटन के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने 2004 में मंजूरी दी थी। इसमें कच्छ जिले के मुंद्रा में 1,840 हेक्टेयर और ध्राब गांव में 168.42 हेक्टेयर जमीन की मंजूरी दी गई थी। इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी 2009 में राज्य सरकार ने मेसर्स अदानी की एक नई प्रस्तावित योजना को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा था, जिसे केंद्र सरकार ने फरवरी 2009 में सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
अधिकारियों ने गड़बड़ी करके अदानी ग्रुप को अनुचित रूप से पहुंचाया लाभ
PAC ने रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2008 में वन संरक्षक भुज ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में पाया कि आदानी ग्रुप को दी गई जमीन क्रीक मैंग्रोव से भरी हुई थी। इसके बाद भी कच्छ के पूर्व उप वन संरक्षक ने इस जमीन को ईको क्लास IV के तहत माना और कुल 2008.42 हेक्टेयर वन भूमि के लिए 87.97 करोड़ रुपए दाम निर्धारित किया। इसको लेकर पब्लिक अकाउंट कमेटी ने कहा आदानी ग्रुप को इको क्लास II के बजाय इको क्लास IV के अनुसार जमीन दी गई, जिससे राज्य सरकार को कंपनी ने 58.67 करोड़ रुपए कम दिए हैं।

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