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रेड लाइट से ज्यादा मोबाइल ले रहा है लोगों की जान, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Road Accident: आईआईटी दिल्ली के परिवहन अनुसंधान और चोट निवारण केंद्र (टीआरआईपीसी) के अध्ययन से खुलासा हुआ है कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग, लाल बत्ती तोड़ने की तुलना में चार गुना अधिक मौतों का कारण बना है।

नई दिल्लीSep 07, 2024 / 04:08 pm

Shaitan Prajapat

Road Accident: गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल लोगों के लिए सबसे अधिक जानलेवा साबित हो रहा है। आईआईटी दिल्ली के परिवहन अनुसंधान और चोट निवारण केंद्र (टीआरआईपीसी) के अध्ययन से खुलासा हुआ है कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग, लाल बत्ती तोड़ने की तुलना में चार गुना अधिक मौतों का कारण बना है। अध्ययन के मुताबिक 2022 में देश में सड़क हादसों में 61,038 मौतें हुईं, वहीं 2021 में 56,000 मौतों हुई थी। यह अध्ययन रिपोर्ट सेफ्टी 2024 सम्मेलन में पेश की गई। इसके मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा हादसे हुए, जहां प्रति 100 किमी पर 45 मौतें हुईं, जबकी राज्य राजमार्गों पर प्रति 100 किमी 23 मौतें रहीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय रणनीति दस्तावेज के अनुसार, तमिलनाडु, लद्दाख, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में सडक़ दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें सबसे अधिक हैं।

देश में सबसे अधिक मौतें जयपुर में

देश के बड़े शहरों में सड़क दुर्घटनाओं में जयपुर में सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं। यहां हर एक लाख की आबादी पर 19.13 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं। जबकि चेन्नई में यह आंकड़ा 11.80 है। बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और असम में 2015-16 से 2019-21 के बीच सड़क हादसों में मृत्यु दर में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

ओवरस्पीड से सबसे ज्यादा मौतें

तेज गति के कारण : 45,928 मौतें
गलत दिशा के कारण : 3,544 मौतें
नशे के कारण : 1,503 मौतें
मोबाइल फोन के कारण : 1,132 मौतें
लाल बत्ती के कारण : 271 मौतें
अन्य कारण: 8,660 मौतें
(आंकड़े 2022 में)
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दिल्ली में पांच साल में 1.7 प्रतिशत घटे हादसे

राजस्थान
वर्ष 2018- 13.5 प्रतिशत
2022- 13.8 प्रतिशत
मध्यप्रदेश
वर्ष 2018- 13.1 प्रतिशत
2022-15.6 प्रतिशत
छत्तीसगढ़
वर्ष 2018-16.1 प्रतिशत
2022-19.5त्न
दिल्ली
वर्ष 2018-8.6 प्रतिशत
2022-6.9 प्रतिशत
गुजरात
वर्ष 2018-11.9 प्रतिशत
2022-10.7 प्रतिशत
(प्रति 1 लाख आबादी पर सड़क हादसों में मौत)
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ये उपाय सुझाए

-सड़कों की डिजाइन को बेहतर करना।
-मार्गों पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था।
-दोपहिया बाइक सवारों से अच्छी गुणवत्ता के हेलमेट प्रयोग करवाना।
-ग्लोबल एनसीपी पैमाने पर खरे हों चौपहिया वाहन।
-राज्यों को डेटा सिस्टम में प्रगति लानी होगी।
-सभी नई और मौजूदा सड़कों का सड़क सुरक्षा ऑडिट बेहतर हो।

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