बिहार
बिहार ने ज्ञान एवं शिक्षा के भंडार नालंदा विश्वविद्यालय को अपनी झांकी के माध्यम से दर्शाया। कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित की गई। इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ थी। गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान इस थीम पर 16 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) और केंद्र सरकार के 10 मंत्रालयों की झांकियां प्रदर्शित की गईं।
उत्तराखंड
उत्तराखंड की झांकी में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन संबंधी साहसिक खेल देखने को मिले। हरियाणा की झांकी ने भगवत गीता का प्रदर्शन किया।
झारखंड
झारखंड ने ‘स्वर्णिम झारखंड: विरासत और प्रगति’ की विरासत को अपनी झांकी में दर्शाया। गुजरात की झांकी में ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ की झलक मिली। आंध्र प्रदेश की झांकी में एटिकोप्पका बोम्मलु- पर्यावरण-अनुकूल लकड़ी के खिलौने दर्शाए गए। लकड़ी के ये खिलौने प्राचीन भारतीय कला एवं ज्ञान से अवगत कराते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की झांकी में महाकुंभ 2025 – ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ के दर्शन हुए।
कर्नाटक
कर्नाटक की झांकी में ‘लक्कुंडी: पत्थर शिल्प का उद्गम स्थल’ देखने को मिला। पश्चिम बंगाल की झांकी ‘लक्ष्मी भंडार’ और ‘लोक प्रसार प्रकल्प – बंगाल में जीवन को सशक्त बनाना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना’ विषय पर आधारित थी। दिल्ली की झांकी की बात करें तो यह ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ पर आधारित थी। केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने संविधान से जुड़ी झांकी प्रस्तुत की। इस झांकी का विषय था ‘भारत का संविधान हमारी विरासत, विकास और पथ-प्रदर्शक की आधारशिला है’।
हरियाणा
परेड के दौरान हरियाणा की झांकी दिखाई गई । इस झांकी में हरियाणा की विरासत, तकनीकी नवाचार में प्रगति और महिला सशक्तिकरण का जश्न मनाया गया। झांकी की शुरुआत कुरुक्षेत्र के पवित्र युद्धक्षेत्र के भव्य चित्रण से होती है, जहाँ भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कर्म योग का उपदेश दिया था।
गोवा
गोवा की झांकी में ‘स्वर्णिम भारत विरासत और विकास’ है, राज्य के प्राचीन समुद्र तटों, हरे-भरे परिदृश्य और समृद्ध संस्कृति का जश्न मानते दिख रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
राजपथ पर हुए परेड के दौरान उत्तर प्रदेश की झांकी प्रदर्शित की गई । यह झांकी ‘महाकुंभ 2025 – स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ की भव्यता को प्रदर्शित करती है, जिसे विश्व स्तर पर “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत” के रूप में मान्यता प्राप्त है। साथ ही उत्तर प्रदेश की आरती गंगा आरती को भी दर्शाया गया।
पंजाब
पंजाब की झांकी में इसकी उत्कृष्ट जड़ाऊ डिजाइन कला और समृद्ध हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया गया। इसमें जड़ाऊ डिजाइनों का एक जटिल चित्रण है, जिसकी शुरुआत एक सुंदर नक्काशी से होती है।
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश की झांकी “एटिकोप्पाका लकड़ी के खिलौने” पर केंद्रित थी, जो 400 साल पुरानी शिल्प परंपरा है, जो अपने पर्यावरण के अनुकूल, चिकने, जीवंत और विष-मुक्त खिलौनों के लिए मनाई जाती है।
त्रिपुरा
त्रिपुरा की झांकी में “शाश्वत श्रद्धांजलि: त्रिपुरा में 14 देवताओं की पूजा” पर प्रकाश डाला गया और खर्ची पूजा पर प्रकाश डाला गया, जो एक ऐसा त्योहार है जिसमें 14 देवताओं को श्रद्धांजलि दी जाती है।
मध्य प्रदेश
प्रदेश की झांकी में श्योपुर जिले में कुनो नदी के तट पर स्थित कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के सफल पुनरुत्पादन को दर्शाया गया।
दिल्ली
दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान दिल्ली और पश्चिम बंगाल की झांकी दिखाई गई। दिल्ली की झांकी भारत के लोगों की सामूहिक आकांक्षाओं का प्रतीक है। पश्चिम बंगाल की झांकी राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, स्थापत्य कला की उत्कृष्टता और कलात्मक परंपराओं को प्रदर्शित करती है।
गुजरात
गुजरात की झांकी ‘अनंतपुर से एकता नगर – विरासत भी, विकास भी’ थीम वाली गुजरात की झांकी दर्शाती है कि कैसे गुजरात ने अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए विकास के क्षितिज को छुआ है।
DRDO
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की झांकी में त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, 155 मिमी 52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, ड्रोन का पता लगाना, रोकना और नष्ट करना जैसी तकनीक, सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम शक्ति रडार – अरुध्रा, उन्नत हल्के वजन के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली – धर्मशक्ति, लेजर-आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणाली, सुरक्षा बलों के लिए वी/यूएचएफ मैनपैक सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन और उग्रम असॉल्ट राइफल को प्रदर्शित किया गया।