लड़ाकू विमानों के शानदार करतब
समारोह के दौरान वायुसेना के राफेल, सुखोई, जगुआर, डॉनियर, अपाचे हेलीकॉप्टर, सी-17 और सी-295 जैसे विमानों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। भारतीय वायुसेना के विमानों ने विभिन्न ठिकानों से उड़ान भरकर ‘कर्तव्य पथ’ पर समारोह स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज की। फ्लाईपास्ट का पहला फॉर्मेशन ‘ध्वज’ था, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया गया।
22 लड़ाकू विमानों ने दिखाया दम
इसके बाद, ‘अजय’, ‘सतलुज’, ‘कटार’, ‘बाज’, ‘रक्षक’, ‘अर्जन’, ‘वरुण’, ‘नेत्र’ और ‘भीम’ जैसे विभिन्न फॉर्मेशन पेश किए गए। भारतीय वायुसेना के 5 जगुआर विमानों ने ‘एरो’ फॉर्मेशन बनाया, जबकि 6 राफेल विमानों ने ‘वज्रंग’ फॉर्मेशन बनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुखोई विमानों ने त्रिशूल फॉर्मेशन बनाया, जो समारोह का मुख्य आकर्षण रहा।
राफेल का ‘वर्टिकल चार्ली’ प्रदर्शन
समारोह के अंत में राफेल विमान ने ‘वर्टिकल चार्ली’ प्रदर्शन कर पूरे आयोजन को यादगार बना दिया। विमान के इस रोमांचक करतब ने न केवल कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों को स्तब्ध किया, बल्कि देश के साहसी पायलटों की क्षमताओं को भी प्रदर्शित किया। वायुसेना ने बताया कि इस प्रदर्शन में उनके सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू पायलटों ने भाग लिया। मार्चिंग दस्ते का अनुशासन
भारतीय वायुसेना के मार्चिंग दस्ते में चार अधिकारी और 144 वायुसैनिक शामिल थे। टुकड़ी की अगुवाई स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह ने की, जबकि फ्लाइट लेफ्टिनेंट दामिनी देशमुख, नेपो मोइरंगथेम और अभिनव घोष ने उन्हें सहयोग दिया। टुकड़ी ने 12×12 की संरचना में वायुसेना बैंड की ‘साउंड बैरियर’ धुन पर मार्च किया।
समारोह का समापन और अन्य आकर्षण
गणतंत्र दिवस समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इसके बाद तिरंगे रंगों वाले गुब्बारे छोड़े गए, जिन पर संविधान की प्रमुख पहचान अंकित थी। सिग्नल कोर के मोटरसाइकिल डिस्प्ले ने भी दर्शकों का खूब ध्यान आकर्षित किया। जांबाज जवानों ने बुलेट मोटरसाइकिलों पर चढ़कर राष्ट्रपति को सलामी दी और कई साहसिक करतब दिखाए।
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस न केवल भारतीय संविधान के लागू होने का दिन है, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक परंपरा, साहस और एकता का उत्सव भी है। इस साल वायुसेना का फ्लाईपास्ट और अन्य प्रदर्शन भारत की प्रगति, तकनीकी शक्ति और अदम्य साहस का प्रतीक बनकर उभरा।