जयदेव ने कहा, ‘मैं राजनीतिक सीमाओं के कारण केंद्र के खिलाफ नहीं बोल सकता, और मैं व्यावसायिक सीमाओं के कारण आंध्र प्रदेश सरकार खिलाफ नहीं बोल सकता। मुझे नो मैन्स लैंड में चुपचाप बैठकर युद्धरत पक्षों को एक-दूसरे पर चिल्लाते हुए देखना पड़ा। मुझे दोबारा जीतने की चिंता नहीं है, लेकिन जीतने के बाद क्या? क्या मुझे अगले पांच साल तक बिना कुछ बोले चुपचाप बैठना चाहिए? मैं ऐसा नहीं कर सकता। इसलिए, मुझे एक विकल्प चुनना पड़ा।’
जयदेव की बैटरी कंपनी को बंद करने का नोटिस हुआ था जारी
आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसी (YSRC) के सत्ता में आने के बाद, जयदेव को व्यापार में अशांति का सामना करना पड़ा क्योंकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में जयदेव के स्वामित्व वाली भारत की सबसे बड़ी बैटरी निर्माता अमारा राजा बैटरीज़ को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया था। हालांकि उच्च न्यायालय ने अमारा राजा बैटरीज को अंतरिम राहत दी लेकिन मामला अभी भी अदालत के समक्ष लंबित है। इस बीच जयदेव ने अमारा राजा बैटरी को की विस्तार योजना के तहत तेलंगाना में स्थानांतरित कर दिया।
‘गुंटूर के लोगों को मिले बेहतर प्रतिनिधित्व’
जयदेव ने कहा कि संसद में कई मुद्दे उठाने के बावजूद वह पिछले तीन वर्षों से गुंटूर के लोगों के लिए उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह गुंटूर सांसद के रूप में अपना काम कर सकते हैं, जो उन्हें करना चाहिए था। जयदेव ने कहा, “मेरे बजाय, एक व्यक्ति जिसके पास बोलने की कोई सीमा नहीं है, वह गुंटूर के लोगों का बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्व करेगा।”
‘जब लौटूंगा तब पूरा समय राजनीति को समर्पित होगा’
राजनीति छोड़ने को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए जयदेव ने कहा कि जब उनकी कोई सीमा नहीं होगी तो वह राजनीति में लौट सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘एक राजनेता अंशकालिक व्यवसायी हो सकता है लेकिन इसका दूसरा तरीका नहीं होना चाहिए। मैं तब वापस आऊंगा जब मैं अपना पूरा समय राजनीति में समर्पित कर सकूंगा।’ उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और केंद्र सरकारों द्वारा बनाई गई कठिन परिस्थितियों में खुद को राजनीतिक रूप से बनाए रखना कठिन है। ऐसे जुल्म के कारण मैं हमेशा चुप नहीं रह सकता।’ मैं जल्द ही और दोगुनी ताकत के साथ वापस आऊंगा जैसे भगवान श्री राम वनवास के बाद वापस आए थे। फिलहाल, मैंने अपनी व्यावसायिक संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। जयदेव ने कहा कि वह अपने बिजनेस ग्रुप के माध्यम से भारत के आर्थिक विकास इंजन का हिस्सा बने रहेंगे और निकट भविष्य में अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर लगभग 25,000 कर्मचारियों तक करने जा रहे हैं।
जयदेव ने अपने पर भरोसा जताने और शुरू से ही उनका समर्थन जारी रखने के लिए गुंटूर के लोगों को धन्यवाद दिया। टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने कहा कि उन्हें राजनीतिक तौर पर जयदेव की कमी खलेगी। वह आंध्र प्रदेश की एक मजबूत आवाज रहे हैं और उन्होंने राज्य के मुद्दों को उठाने में कभी संकोच नहीं किया, चाहे वह विभाजन का मुद्दा हो या अमरावती के किसानों के साथ घोर अन्याय हो। उन्होंने कहा कि उनकी वापसी के लिए टीडीपी के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे. श्रीकाकुलम के सांसद के राममोहन नायडू, पूर्व मंत्री नक्का आनंदबाबू, अलापति राजेंद्र प्रसाद और संयुक्त गुंटूर जिले के टीडीपी पदाधिकारियों ने जयदेव के कार्यालय में आयोजित एक बैठक में उन्हें विदाई दी।
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