चेक बाउंस से जुड़ा मामला
बता दें कि यह मामला राम गोपाल वर्मा की फर्म की ओर से जारी किए गए चेक से जुड़ा है। राम गोपाल वर्मा की फर्म की ओर से जारी चेक को बैंक में भुनाया नहीं जा सका। यह नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत अपराध है। यह धारा अपर्याप्त धनराशि या तय सीमा से अधिक राशि के कारण चेक अनादर पर दंड लगाती है। इंडिया टुडे के मुताबिक, राम गोपाल वर्मा को तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को 3.72 लाख रुपये का मुआवजा देने या तीन महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतने का भी आदेश दिया गया है। इसके अलावा, उनकी गिरफ्तारी के लिए
गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
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राम गोपाल वर्मा हाल ही में अपनी फिल्म सत्या की दोबारा रिलीज का जश्न मना रहे हैं। अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले फिल्म निर्माता अब मुश्किल में हैं। फिल्म निर्माता के खिलाफ 2018 में ‘श्री’ नामक फिल्म को लेकर मामला दर्ज किया गया था। निर्देशक कुछ वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने हाल के दिनों में कोई फिल्म नहीं बनाई है और उनकी पिछली फिल्मों ने भी पिछले कुछ सालों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। फिल्म निर्माता को 5000 रुपये की नकद सुरक्षा का भुगतान करने के बाद 2022 में मेल पर रिहा किया गया था।